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360 डिग्री पर कैसे घूम रहा है एलआईसी

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर । 1 सितंबर 1956,9 बजे लाइफ इंश्योरेंस का राष्ट्रीयकरण हो गया। तब उस समय के वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने रात 8:30 बजे ऑल इंडिया रेडियो पर इस बात की घोषणा की थी वे अपनी आत्मकथा द कोर्स ऑफ माय लाइफ में लिखते हैं कि उनकी स्क्रिप्ट की जानकारी आकाशवाणी के डायरेक्टर को भी नहीं थी। सुबह 25 अधिकारियों के दल ने तेजी से दफ्तरों में जाकर पूरे मामले को टेकओवर कर लिया। आज 4 मई 2022 को एलआईसी का आईपीओ आ रहा है इस तरह देखा जाए तो जीवन बीमा ने पूरी तरीके से 360 डिग्री घूमने का रिकॉर्ड बना लिया। सरकार अपने हिस्से में से 3.5 % हिस्सेदारी बेच रही है इसके पहले 10% बेचने का निर्णय हुआ था फिर 5% और अब 3.5% भारत देश में 1931 के कराची अधिवेशन में ही इंश्योरेंस का रोड मैप बन गया था। स्वतंत्र होने के बाद जयप्रकाश नारायण ने पंडित नेहरू को राष्ट्रीयकरण करने की सलाह दी और तिथि में 156 इंडियन इंश्योरर, 16 विदेशी कंपनी, 75 प्रोविडेंट सोसायटीस को मिलाकर एलआईसी बनी उस समय के प्रिंसिपल फाइनेंस सेक्रेट्री के स्टेनोग्राफर एस अनंत चारी ने गीता के स्लोगन योगक्षेम वंहाम्यहम् यह वाक्य बताता है कि एलआईसी पर कभी भी सरकार का कब्जा नहीं रहा है वे व्यवसाई है और अपने काम के प्रति पूरी ईमानदारी से लगे हैं एलआईसी के 8 जोनल ऑफिस, 113 डिविजनल ऑफिस, 74 कस्टमर जोन, 2048 ब्रांच, 1546 कस्टमर केयर ऑफिस एवं 13 लाख से ज्यादा एलआईसी एजेंट अब सरकार की वक्र दृष्टि एलआईसी पर पड़ गई है एलआईसी विश्व के 10 बड़े ब्रांड में है एशिया के 3 ब्रांड में शामिल है। देखते हैं सरकार किस तरह इसके ब्रांड वैल्यू को खराब करती है।