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पेट्रोल पर सरकार की लूट, और वैक्सीन का सच

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर । देश के नागरिक के अंधभक्ति छोड़ें जागरूक रहें आप्त वचन, श्रवण परंपरा से ज्ञान प्राप्ति के स्थान पर जानकारियों को दुरुस्त करें और विभिन्न मंचों पर मंत्रियों सत्ताधारी पार्टी के प्रवक्ताओं के वचनों को अन्य स्थानों से वेरिफिकेशन के बाद ही समझें। देश में वैक्सीन निशुल्क इसलिए पेट्रोल के दाम बढ़ाना जायज है के तर्क को समझे कि सच्चाई क्या है। अब तक वैक्सीन पर सरकार का कुल खर्च 50 हजार करोड़ रुपए हुआ है और पेट्रोल तथा डीजल पर कमाई 2 लाख करोड़ हुई है सरकार जिस मात्रा में वैक्सीन क्रय करती है अनुबंधों के तहत उसे प्रति डोज ₹150 देने होते हैं भारत में वयस्क आबादी जिसे वैक्सीन लगी है 84 करोड़ के लगभग है इस तरह कुल खरीदी 50 से 60 हजार करोड़ की हुई है। 2021-22 ने बजट मे 35000 करोड़ रुपए वैक्सिंग के लिए सुरक्षित रखा गया था। इसका यह अर्थ है कि वैक्सीन की खरीदी के लिए बजट में ही प्रावधान था कोरोना के पहले पेट्रोल पर 19.99 और डीजल पर 15.83% टैक्स था। अभी पेट्रोल पर 32.9 तथा डीजल पर 31.8 % टैक्स है 2 वर्ष के भीतर पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स 88% बढ़ा सरकार को 2019-20 में पेट्रोल पर टैक्स से 288313.72 करोड़ रुपए की कमाई हुई, 20 -21 में 413735.60 करोड़ रुपए प्राप्त किया गया जिससे यह स्पष्ट है कि 2019-20 की तुलना में 2020-21 में सरकार ने पेट्रोल डीजल से दोगुनी कमाई कर ली इस तरह स्पष्ट है कि ₹150 की वैक्सीन की आड़ में सरकार आम आदमी के परिवार को लूट रही है और यह लूट प्रतिदिन जारी है।