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चिटफंड में डूबा पैसा होगा वापस, कांग्रेस सरकार का मास्टर स्ट्रोक

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समाचार -
बिलासपुर। पूरे प्रदेश में आम जनता की मेहनत की कमाई डकार गई चिटफंड कंपनियों से पैसा वापसी का प्रयास एक बार फिर से आम जनता में विश्वास की भावना पैदा कर रहा है । आज बिलासपुर कलेक्ट्रेट में कई खिड़कियों पर जमा करता अपने दावा फार्म जमा कर रहे हैं । भीड़ को देखकर सहज विश्वास ही नहीं होता कि 4-5 साल पूर्व चिटफंड कंपनियों ने किस बड़े स्तर पर छत्तीसगढ़ के नागरिकों का खून चूसा असल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को कांग्रेस के घोषणा पत्र के जिस दावे ने सत्ता के बाहर किया उसमें चिटफंड कंपनियों से पैसा वापस दिलाना मुख्य दावा था । आम जनता ने कांग्रेस के इस वचन को शिद्दत से स्वीकार किया अब शासन के ढाई साल पूरा कर लेने के बाद कांग्रेस ने अपना मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो चुनाव के 8 से 10 माह पूर्व इन हितग्राहियों का पैसा वापस होगा और यदि ऐसा हो गया तो भारतीय जनता पार्टी के दोबारा सत्ता में आने के सपने ध्वस्त हो जाएंगे। जसपुर से लेकर जगदलपुर तक और औद्योगिक शहरों से लेकर ग्रामीण अंचल तक अनमोल, साईं प्रकाश, साईं प्रसाद, बीएन गोल्ड,एंड ई गोल्ड, वी रियल स्टेट, यस ग्रुप एंड कंपनी जाने कितनी कंपनियों ने कभी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी बनाकर तो कभी क्रेडिट कंपनी बनाकर तो कभी सहकारी समिति बनाकर लूट का मायाजाल रच लिया था। ऊंचा ब्याज, हर महीना ब्याज, 3 साल में धन दुगना, धन की जगह प्लॉट का आवंटन, पेड़ का आवंटन, वर्मी कंपोस्ट की उपलब्धता खरगोश, बकरी, भेड़ पालन, मछली पालन, तीतर पालन, जाने क्या-क्या ।  
ऐसा नहीं है कि उस समय के नेता इस ठगी के कारोबार को समझ नहीं रहे थे उल्टे उन्होंने ठगों को आसरा दिया और सत्ताधारी नेताओं ने कहीं-कहीं स्वयं तो कहीं अपने रिश्तेदारों को कंपनी का ब्रांड एंबेसडर प्रमोटर बनाकर मंच को सुसज्जित किया सूत्र तो यहां तक दावा करते हैं की चिटफंड कंपनियों के पीछे ऐसे लोगों का हाथ भी था जिनके परिवार आर एस एस विश्व हिंदू परिषद से जुड़े बताए जाते थे उस समय के खबरों की कतरन इस बात का दावा भी करती है कि कुछ शहरों में चिटफंड कंपनियों का हफ्ता वसूली पुलिस अधीक्षक तक जाता था। कांग्रेस ने आम जनता के डूबी रकम और उससे जुड़े हुए दुख दर्द को समझा और अपने घोषणा पत्र में रकम वापसी का वचन भी दिया। आज हजारों की संख्या में कलेक्ट्रेट परिसर में वे सभी लोग फॉर्म जमा कर रहे हैं जिन की रकम डूबी है हालांकि कुछ लोगों ने बातचीत में बताया कि रकम वापस ही तो ठीक है किंतु जिन लोगों ने ठगा उन्हें सजा भी होनी चाहिए तभी ऐसी ठगी बंद होगी।