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एसईसीएल की बुड़बुड़ खदान में हो रहे हैवी ब्लास्टिंग से थर्राया पाली व आसपास का क्षेत्र, सांसद प्रतिनिधी ने दी हैवी ब्लास्टिंग बंद नहीं होने पर खदान बंद कराने की चेतावनी
- By 24hnbc --
- Sunday, 23 Jan, 2022
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समाचार - कोरबा
कोरबा/पाली । एसईसीएल की सराईपाली परियोजना अंतर्गत बुड़बुड़ ओपन कास्ट कोल परियोजना में इन दिनों किये जा रहे हैवी ब्लास्टिंग से खदान क्षेत्र के लगभग 05 कि मी का दायरा बुरी तरह से थर्रा उठा है। जिससे प्रभावित रहवासी काफी दहशत में है तथा इसे लेकर उनमें जमकर आक्रोश एवं असंतोष पनप रहा है। लोगों की शिकायत पर सांसद प्रतिनिधि ने हैवी ब्लास्टिंग रोकने एसईसीएल प्रबंधन को कड़े शब्दों में चेताया है।
ज्ञात हो कि बुड़बुड़ स्थित सरायपाली परियोजना की ओपन कास्ट खदान जहां खनन कार्य को लेकर प्रबंधन द्वारा प्रारंभ से ही मनमानी करते आ रहा है तथा एक बार फिर हैवी ब्लास्टिंग से 05 किलोमीटर का दायरा भूकम्प की भांति थर्राने लगा है। बता दें कि एसईसीएल प्रबंधक द्वारा गत वर्ष भी ऐसा करते पाए जाने पर सांसद प्रतिनिधि प्रशांत मिश्रा ने क्षेत्रीय जनता की हितों तथा ऐतिहासिक विरासत की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए ब्लास्टिंग से होने वाली क्षति के विषय में एसईसीएल के उच्चाधिकारियों को जमकर फटकार लगाया था और इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की थी तथा पाली थाने मे शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। जनप्रतिनिधियों के आक्रोश को देखते हुए एसईसीएल प्रबंधन के तब हाथपांव फूल गए थे और लिखित में आश्वस्त किया गया था कि गाइडलाइन के आधार पर निर्धारित फ्रीक्वेंसी की ब्लास्टिंग की जाएगी। लेकिन एसईसीएल अपनी लिखित वादे से मुकरते हुए पुनः विगत 1 सप्ताह में कई बार भारी तीव्रता के साथ ब्लास्टिंग को अंजाम दे रहा है। जिसका कंपन लगभग 05 किलोमीटर दायरे के अंदर पाली, मुनगाडीह, केराझरिया, छिंदपारा, राहाडीह, डोंगानाला, बकसाही, सैला, पड़रापथरा, ढुकुपथरा, सरायपाली, दमिया, बगईनाला सहित दर्जन भर से अधिक गांवों में महसूस किया गया है। जिसे लेकर एक बार फिर जनप्रतिनिधियों और आम जनों में असंतोष और आक्रोश व्याप्त हो गया है।
उल्लेखनीय है कि पाली में ऐतिहासिक पुरातात्विक महत्व का शिव मंदिर स्थित है। जिसकी मूर्ति कला और आस्था देश- प्रदेश में प्रख्यात है। खदान क्षेत्र में ब्लास्टिंग होने से मंदिर को भी क्षति पहुंच रही है। हाल ही में पुरातत्व विभाग की एक टीम यहां पहुंची थी जिन्होंने स्वयं कंपन महसूस किया था। पूर्व में मंदिर को क्षति से बचाने के लिए प्रबंधन को कई बार लिखित एवं मौखिक रूप से चेताया गया था। उक्त ऐतिहासिक शिव मंदिर की दूरी खदान क्षेत्र से सीधे महज ढाई से 3 किमी की दूरी पर मुख्यमार्ग किनारे पर है। जहां हैवी ब्लास्टिंग से मंदिर में कुछ जगह दरार भी दिखने लगा है। ऐसे ही यदि हैवी ब्लास्टिंग बदस्तूर जारी रहा तो मंदिर के अस्तित्व पर भी गहरा खतरा मंडराने लगेगा। एसईसीएल प्रबंधन की मनमानी को लेकर एक बार फिर से लोगों की शिकायत पर सांसद प्रतिनिधि प्रशांत मिश्रा ने संबंधित अधिकारियों को दो टूक शब्दों में चेताया है कि तत्काल हैवी ब्लास्टिंग पर रोक लगाई जाए अन्यथा खदान को बंद करा दिया जाएगा। श्री मिश्रा द्वारा हैवी ब्लास्टिंग की सूचना पाली थाने में भी दी गई है।