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एक 10 लाख का डीडी, और अकल्पनीय कीमत के भू-खंड पर अनुबंध का दावा
- By 24hnbc --
- Friday, 09 May, 2025
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बिलासपुर, 10 मई 2025।
अविभाजित बिलासपुर के दोनों जिले बिलासपुर और जीपीएम में ईसाई समितियों के बीच संपत्ति संबंधी झगड़े अब तेज हो रहें हैं। नजूल सीट नंबर 4, 65/1 की चर्चा के पहले यह तथ्य बताना आवश्यक है कि जीपीएम जिले में ईसाई समितियों की अचल संपत्ति पर आईसीसीडीसी ने दावा किया है और न्यायालय में जाने के पूर्व जिले के कलेक्टर को धारा 80 के तहत नोटिस भी भेजा है। बिलासपुर में सीडब्ल्यूबीएम जिसकी जिम्मेदारी अपंजीकृत छत्तीसगढ़ डायोसिस के पदाधिकारियों के पास है।
मिशन अस्पताल संबंधित संपत्ति विवाद अभी उच्च न्यायालय में लंबित है। 3 मई 2025 को बिलासपुर से एक प्रकाशित दैनिक अखबार में राय साहब बनवारी लाल के प्रपौत्र कृष्णा कुमार अग्रवाल की ओर से एक आम सूचना प्रकाशित हुई हैं। इस आम सूचना के द्वितीय पैराग्राफ में यह दावा किया गया है कि आम सूचना प्रकाशनकर्ता के पास 65/1 की जमीन का एग्रीमेंट ऑफ सेल है। हालांकि इस दस्तावेज की कोई तिथि नहीं दी गई है। यह दावा जरूर किया गया है कि भूखंडक कब्ज़ा प्राप्त हो चुका है।
जमीन की गणित को समझे तो 65/1 इंदु चौक की सबसे कीमती भूमि है जिसका रकबा 4 एकड़ है। इसकी अनुमानित बजार कीमत 5000 करोड़ की है। आश्चर्य की बात यह है कि इस जमीन के क्रय विक्रय से राज्य सरकार के खाता में एक रुपए का इजाफा नहीं होता। इस भूखंड पर कब्जा भी 10 लाख रुपए के उसी डिमांड ड्राफ्ट के बदौलत हुआ है जो 85/1 न्यायालीन प्रकरण में दिया गया। आम सूचना में आईसीसीडीसी, यूसीएनआईटीए के नाम का उल्लेख है और यह आम सूचना इतने समझदारी के साथ प्रकाशित कराई गई है की भूमि संबंधी विवाद में ईसाई समाज की अपंजीकृत संस्था की रुचि छिपी हुई है।
बिलासपुर में संपत्ति संबंधी विवादों के अतिरिक्त जीपीएम जिले में कोर्ट से लेकर थाना तक रोज नई शिकायत पहुंच रही है। 85/1 में निर्धारित सड़क की जमीन को छोड़ बगैर एक निर्माण कार्य चल रहा था जिसे नगर निगम ने अवैध कहते हुए तोड़ दिया। इमारत के निर्माणकर्ता ने न्यायालय की शरण ली किंतु उसे आवेदन में 85/1 कहीं हवाला लिया गया है।
निगम और आवेदन कर्ता को यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश है। इन दोनों निगम जिस तरह अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला है कोई आश्चर्य नहीं होगा यदि 65/1 के खसरों में निर्मित अवैध दुकानों को भी तोड़ दिया जाए।65/1 की खसरे में पूर्व से अनुबंध होने की बात आम सूचना में जानबूझकर लाई गई है। इस जमीन के एक बड़े भूभाग पर आईसीसीडीसी के एक पूर्व पदाधिकारी का कब्जा है। निगम को पहले से ही इस अवैध कब्जे की जानकारी है। वर्ष 2012 में 65/1 पर बना रहे विवाह घर को निगम ने तोड़ा था। पर कब्जा कब्जाधारी के पास ही रहा।