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समस्या से जूझ रहे पत्रकार, पर विभाग के पेटी रही निरंक
- By 24hnbc --
- Monday, 14 Apr, 2025
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बिलासपुर, 14 अप्रैल 2025।
सुशासन तिहार प्रथम चरण में जनसंपर्क विभाग बिलासपुर में शिकायत सुझाव पेटी रखीं ही नहीं गई कम से कम हमने प्रथम चरण के दौरान इस विभाग में तीन चक्कर काटे पर हमें ऐसी किसी पेटी का दर्शन नहीं हुए। हालांकि विभाग की एक सूचना अधिकारी का कहना है की पेटी रखी गई तब अगला प्रश्न था कि कितनी शिकायत पत्र प्राप्त हुए तब उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी संयुक्त संचालक जनसंपर्क ही दे सकते हैं। बिलासपुर स्थित क्रेडा के परिसर में इस पेटी में एक भी शिकायत या पत्र प्राप्त नहीं हुआ और खबर छपी।
जनसंपर्क विभाग सीधे प्रदेश के मुख्यमंत्री के अधीन आता है। विभाग का मुख्य काम सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार है। खबरों को लिखने वाले पत्रकारों का इस विभाग से सीधा नाता है। बिलासपुर के संयुक्त सचालक स्तर के कार्यालय में बिलासपुर क्षेत्र के कार्यरत सैकड़ो पत्रकारों ने अपने नियुक्ति पत्र जमा कर रखे हैं। दैनिक अखबार, साप्ताहिक अखबार, न्यूज़ चैनल, वेव पोर्टल्स सब में कार्य करने वाले पत्रकार अपना नियुक्ति पत्र यही जमा करते हैं। अब बारी आती है पत्रकारों की समस्या पर यदि पेटी रखीं जाती और उसका प्रचार होता तो जिला से लेकर ब्लॉक स्तर तक से शिकायतें आती इस संदर्भ में हमने पत्रकारिता क्षेत्र में अपना पूरा जीवन लगाने वाले साथी वरिष्ठ पत्रकार निर्मल मणिक से पूछा उन्होंने कहा मेरा स्वयं का पेंशन संबंधित 6 वर्ष पूर्व जमा किया गया पूरे दस्तावेज के साथ संयुक्त संचालक दफ्तर से रायपुर कार्यालय प्रेषित कर दिया गया तब से आज तक उसे पर हुए कार्यवाही का कोई सूचना नहीं है।
अधिमान्यता सबंधित आवेदन पत्र जिन्हें अधिमान्यता समिति अस्वीकृत कर देती है, उसकी भी दर्जनों शिकायतें हैं। पत्रकार आपसी चर्चा में खुलकर आरोप लगाते हैं कि कैसे-कैसे आवेदनों को स्वीकृति मिल जाती है, कैसे जिन्हें स्वीकृति मिलनी चाहिए उन्हें खारिज कर दिया जाता है। पत्रकार कल्याण कोष में चल रही गड़बड़ियों पर भी रोश है बताया जाता है कि कुछ विशेष कृपा पात्र लगातार हर साल कोष से उपकृत होते हैं। और ज़रूरतमंद वंचित कर दिए जाते हैं। जानकार इस परंपरा को मध्यपदेश के समय से चला आ रहा है बताते हैं।
अधिमान्यता के संदर्भ में तो बहुत शिकायतें हैं काम किसी जिले में करते हैं आवेदन और स्वीकृति किसी अन्य जिले से प्राप्त कर लेते हैं। इस तरह ऐसे अखबार जिनका बड़ा उद्योग कोई और है वह अपने उद्योग विंग का काम देखने वाले कर्मचारियों को पत्रकार के रूप में अधिमान्यता का आवेदन कराता है और अधिमान्यता दलाते हैं। कहते हैं शानस मध्यस्थता (दलाली) में आसानी होती हैं इसी तरह ऐसी समाचार एजेंसी जो जिले में सर्विस ही नहीं देती पर उनके नाम से आवेदन आता है और स्वीकृत हो जाता है। जिले के कई दर्जन पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति में प्लांट पाने के लिए परेशान हैं पर नहीं मिल रहा। इन समस्याओं से सब परिचित हैं पर हल किसके पास है.......? लोकतंत्र में सब की खबर, समस्या, परेशानी बताने वाला समाज अपनी ही परेशानियों का हाल नहीं खोज पा रहा है।
शिकायत पत्र पेटी के संदर्भ में वास्तविक जानकारी लेने संयुक्त संचालक जनसंपर्क बिलासपुर के मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि विभाग के आवक जावक कक्ष में शिकायत पेटी रखीं गई थी पर वह खाली रही।