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माफ करना भूल जाना नहीं है

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बिलासपुर, 1 मार्च 2025। 
माई - बाप अंग्रेज सरकार से सावरकर ने छह बार और तीन तीन तीन बार संबंधियों ने माई - बाप अंग्रेज सरकार से दया की भीख मांगी। महात्मा गांधी की हत्या के मामले में गोल्ड से के साथ सावरकर भी आरोपी थे, आरोप सिद्ध नहीं हुई तो बरी हुए। कांग्रेस ने और उसे विचारधारा के बहुत सी चीजों को माफ करके आगे का रास्ता पकड़ा, और ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ। देश के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मामले में भी कांग्रेस ने बहुत कुछ माफ करके आगे की सुध ली। ऐसे में लोगों को लगता है माफ करना भूल जाना होता है और राहुल गांधी यही बता रहे हैं कि माफ करना भूल जाना नहीं होता तभी तो वे सावरकर के मामले में कोर्ट में पूरे तथ्य लाना चाहते हैं। मर्सी पिटिशन एक बार नहीं 15 बार लगी। 6 बार सावरकर की तरफ से और तीन तीन तीन बार उनके सगे संबंधियों के तरफ से छुटने के पहले ब्रिटिश सरकार और सावरकर के बीच लिखा-पढ़ी भी हुई। जिसे आजकल की भाषा में एमओयू कहा जाता है। जब सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में ब्रिटिश सरकार से मुकाबला हुआ और हजारों सैनिक पकड़े गए तो उन्हें सब की तरफ से जवाहरलाल नेहरू ने पैरवी की सरकार ने नहीं कि जब कभी भी पूरे अध्ययनों के साथ राहुल गांधी ने कुछ कहा तो उन्हें न्यायिक मामले में फंसा कर किनारे लगाने की भाजपाइयों ने कोशिश की तभी तो राहुल ने कहा गांधी हूं माफी नहीं मांगूंगा। आरएसएस के संबंध में, हिंदू महासभा के संबंध में, गोडसे या सावरकर के संबंध में सच्चाई पूर्ण तरीके से सामने आना चाहिए। व्हाट्सएप वाली नहीं शोध, राजपत्र, चिट्ठी, इतिहास और किताबें प्रो गेंदा पिक्चरों से कुछ सिद्ध नहीं होने वाला नहीं आप्त वचनों से तो बिल्कुल नहीं अन्यथा नल से गैस, और एक ही पेड़ के नीचे कबीर नानक और रहीम बैठ जाएंगे और अंबेडकर फैशन बन जाएंगे।