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भाजपा के कार्य समिति सदस्य का आरोप

डायोसिस के स्कूलों में फीस वसूली की राशि से चर्च करा रहे धर्मांतरण

24hnbc.com
बिलासपुर, 21 नवंबर 2024। 
संयुक्त मसीह समाज के बैनर से नाम गुप्त रखने के निवेदन के साथ एक चिट्ठी पीएमओ को लिखी गई जिससे बिलासपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों के माथे पर परेशानी की लकीर है। 
9 जुलाई 2024 को भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य श्री कावड़िया ने पुलिस अधीक्षक रायपुर को एक खत लिखा। कहा कि मिशन के ही आवेदकों द्वारा उन्हें बताया गया कि छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ़ एजूकेशन एवं छत्तीसगढ़ डायोसिस रायपुर के द्वारा छत्तीसगढ़ के मिशन स्कूलों से फीस की राशि जबरिया वसूली 2 करोड़ 6 लख रुपए से एक करोड रुपए धर्मांतरण के लिए चर्च को हस्तांतरित किए गए। इस संबंध में एक शिकायत रायपुर सिविल लाइन थाने को की गई पर थाना प्रभारी सिविल लाइन ने कहा कि जब तक पुलिस अधीक्षक महोदय नहीं कहेंगे मैं कार्यवाही नहीं करूंगा। 
बिलासपुर के प्रदेश कार्य समिति सदस्य जो चिकित्सा एवं एनजीओ प्रकोष्ठ के प्रभारी भी हैं ने पुलिस अधीक्षक रायपुर से अपने पत्र में अनुरोध किया है की डायोसिस के 50 पदाधिकारी एवं 8 वर्तमान पदाधिकारी की गिरफ्तारी की जाए। विधि सहमत उचित कार्यवाही की जाए जिससे आर्थिक लाभ देकर कराया जा रहे धर्मांतरण पर रोक लगाई जा सके। इतना ही नहीं 20 जून 2024 को लोकेश कावड़िया ने ही छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री को भी एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि प्रदेश में रायपुर, बिलासपुर, पेंड्रा रोड रहित अन्य जिलों में ईसाई मिशनरियों को स्कूल शिक्षा एवं चर्च के लिए शासन द्वारा लीज पर भूमि दी गई थी जिस भी जमीन की लीज अवधि समाप्त हो गई है और संस्थाओं का गलत उपयोग किया जा रहा है। अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा बेची जा रही है पर उचित कार्यवाही की जाए। भूमि की बी समाप्त कर जमीन वापस ली जाए। श्री कावड़िया का आरोप फीस की राशि से चर्च को राशि हस्तांतरण करना अत्यंत गंभीर है और यदि ऐसी राशि का उपयोग धर्मांतरण के लिए कराया जा रहा है तो यह बेहद गंभीर मामला है। 
बिलासपुर स्थित दो स्कूल शेफर्ड और बर्जेस में से शेफर्ड स्कूल में वित्तीय अनियमितता पाई गई थी। और वहां एसडीएम को प्राधिकृत अधिकारी बनकर बैठाला गया है। बर्जेस स्कूल की संचालन समिति पर भी गंभीर आरोप लगे हैं जिसमें से सबसे बड़ा मामला इनकम टैक्स के साढ़े सात करोड रुपए जो अब बढ़कर 11 करोड़ हो गया है ऐसा बताया जाता है कि तदर्थ संचालन समिति ने प्रति माह 10 लख रुपए जुर्माना राशि जमा करने पर सहमति व्यक्त की है। 
प्रश्न यह उठता है की तदर्थ समिति के पास छात्रों की फीस के अतिरिक्त कमाई का क्या जरिया है। क्या फीस की राशि से इनकम टैक्स ना पटने पर हुआ जुर्माना पटाया जा सकता है। यह फीस में वसूली गई राशि का गलत उपयोग है। यदि तदर्थ समिति चर्च के श्रद्धालियों की दशांत की राशि से इनकम टैक्स के जमाने की भरपाई करती है तो यह भी गलत है। दशांत की राशि का उपयोग इनकम टैक्स जुर्माना भरने के लिए नहीं किया जा सकता....। यह बात तो निश्चित है कि छत्तीसगढ़ के इसी स्कूलों में डायोसिस के पदाधिकारी की मिलीभगत से करोड़ों का घपला हो रहा है और इस बात की जानकारी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को है। पर डबल इंजन की सरकार में भी धर्मांतरण इसी स्कूलों के वित्तीय अनियमितता के बाद पदाधिकारीयों पर कार्यवाही न होने से ऐसा संकेत जाएगा की भाजपा धर्मांतरण का केवल हल्ला करके वोटो का ध्रुवीकरण करती है और सख्त कार्यवाही के नाम पर केवल कागज कागज खेला जाता है।