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विष्णु के सुशासन में ईसाई समितियों के कथित पदाधिकारीयों का जारी है भ्रष्टाचार
- By 24hnbc --
- Friday, 22 Nov, 2024
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बिलासपुर, 23 नवंबर 2024।
18 जुलाई 2024 को यूनाइटेड चर्च ऑफ़ नार्दन इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन यू सी एन आई टी ए की सचिव श्रीमती नीलम रोबिंस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को अपनी वैधानिक हैसियत के दस्तावेज संलग्न करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश उनके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आता है। और यह कहा कि कथित पदाधिकारी नितिन लॉरेंस व जयदीप रॉबिंसन को किसी भी प्रकार से कोई ऑथराइजेशन नहीं है। यहां यह बताया जाना जरूरी है कि यू सी एन आई टी ए की चल अचल संपत्ति छत्तीसगढ़ में है। और संस्था के ट्रस्टी/अध्यक्ष श्री डी जी भाबल संस्था बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के अंतर्गत 20 जून 1955 से पंजीकृत है। पंजीयन क्रमांक डी 97 डीओएम है।
आवेदिका ने कहा कि उन्होंने अपना एक बयान एएसपी रायपुर अनुराग झा जी के कार्यालय में दर्ज कराया जिस पर 25 जुलाई 2024 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायपुर ने थाना प्रभारी सिविल लाइन रायपुर को शासकीय पत्र लिखा निर्देशित किया कि अनावेदक गण नितिन लॉरेंस, जयदीप रॉबिंसन तथा अन्य द्वारा प्रथम दृष्टिया अपराध का घटित किया जाना प्रतीत होता है। अतः शिकायतकर्ता यशराज सिंह व अन्य की शिकायत पर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही कर कार्यालय को अवगत करना सुनिश्चित करें। पर इस संदर्भ में कोई उचित कार्यवाही आज तक नहीं हुई सचिन नीलम रोबिंस ने अपने पत्र में उच्च न्यायालय जबलपुर का आदेश दिनांक 6 मार्च 2024, आदेश दिनांक 4 अगस्त 2023, उच्च न्यायालय चेन्नई का आदेश दिनांक 21 जून 2024, उच्च न्यायालय चेन्नई का ही आदेश 10 जून 2024, हाई कोर्ट जबलपुर का आदेश 11 नवंबर 2022, हाई कोर्ट महाराष्ट्र प्रकरण क्रमांक 2017/23 तथा सर्वोच्च न्यायालय का आदेश दिनांक 30 सितंबर 2013 का हवाला देकर बताया कि अजय उमेश जेम्स, नितिन लॉरेंस व जयदीप रॉबिंसन के पास संस्था यू सी एन आई टी ए से संबंधित कोई भी दस्तावेज अधिकार पत्र सदस्य की नियुक्ति व अन्य नहीं है। इसके बावजूद उक्त व्यक्तियों द्वारा संस्था का नाम धूमिल कर स्वयं को पूरे प्रदेश का पदाधिकारी बताया जा रहा है। सचिन ने कुल 12 न्यायालय के प्रकरण और आदेशों का हवाला दिया है। उन्होंने बताया कि बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय का आदेश 30 सितंबर 2013 स्पष्ट करता है कि इसे भंग नहीं किया जा सकता और कथित पदाधिकारी इस कंपनी के रूप में संचालित कर रहे हैं। ट्रस्ट की संपत्ति को कंपनी में स्थानांतरण नहीं किया जा सकता संस्था के तीन सदस्य यशराज सिंह, मुकुल संदीप बैनेट, बीनू बैनेट ने बिलासपुर जिला कलेक्टर बिलासपुर को 9 सितंबर 2009 तथा 22 सितंबर 2024 को दो बार पत्र सौंपा उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने बयान नजूल न्यायालय बिलासपुर में दर्ज कराया है। निवेदन किया कि गलत तरीके से संचालित हो रही शालाओं में रिसीवर नियुक्त कर दिया जाए और आर्थिक अनियमितता जो की 2 करोड़ 6 लाख तथा 6 करोड़ 47 लाख 33 हजार 907 कूल 8 करोड़ 53 लाख 33 हजार 907 को जारी रहने से रोका जा सके। पहले 9 सितंबर 2024, 21 सितंबर 2024 पत्र के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न।
अब सवाल यह उठता है कि रायपुर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक , रायपुर/ बिलासपुर संयुक्त संचालक शिक्षा तथा जिला शिक्षा अधिकारियों को जब ईसाई समाज के समिति में गठित पदाधिकारीयों तथा उनके द्वारा संचालित स्कूलों में हो रहे करोड़ों की आर्थिक अनियमितता की जानकारी है तब भी कथित पदाधिकारी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं होती.... हमने अपने एक पूर्व समाचार में यह भी बताया है कि कैसे एक ही पदाधिकारी ने 2 माह की छोटी सी अवधि में कैसे चार बार दो बार उच्च न्यायालय दो बार कमिश्नर कोर्ट में कैसे अपना डिजिगंनेशन बदलकर याचिका प्रस्तुत की, छत्तीसगढ़ में इन दोनों डबल इंजन की सरकार है भ्रष्टाचार न होने की गारंटी लघु है तब ईसाई संस्थाएं प्रतिदिन लाखों रुपए का आर्थिक गड़बड़ी प्रशासन की जानकारी के साथ कैसे कर रहे हैं।