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सत्व की घोषणा का वाद प्रशासन असमंजस में
- By 24hnbc --
- Monday, 16 Dec, 2024
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बिलासपुर, 17 दिसंबर 2024।
क्रिश्चियन मिशन ऑफ़ डिसाइपल ऑफ़ क्राइस्ट ने सत्र न्यायालय में सत्व की घोषणा का वाद दायर किया है। इस वाद से नजूल सीट नंबर 14, प्लॉट नंबर 20 एवं 21 के संदर्भ में राजस्व कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय का आधार ही संकट में पड़ गया। आम सूचना जो की एक दैनिक अखबार में प्रकाशित कराई गई है से जो तथ्य स्पष्ट है वह राजस्व की दस्तावेजों को ही कटघरे में खड़ा कर देता है। कहता है कि यह भूमि 1926 में रिकॉर्ड के मुताबिक नजूल में कैसे आई वाद कहता है कि सीडब्ल्यूबीएम ने अपने एजेंट के माध्यम से इस भूमि को 19. 11. 1851 में क्रय किया था। कब से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से डिसाइपल के हितग्राही , लाभार्थी उसे चला रहे थे। 26. 11. 2024 को यह वाद न्यायालय में दाखिल किया गया और इसकी प्रथम सनी 13. 12 को हुई। जिसमें सभी पक्षकारों, शासन को भी नोटिस हुआ है। वाद की विषय वस्तु से यह पता चलता है कि विभिन्न पक्षों और हितधारकों को लेकर यह भूमि कानूनी वाद का विषय रही है। व्यवहार न्यायालय ही वाद भूमि के सत्व की घोषणा कर सकता है। किसी राजस्व न्यायालय को यह अधिकार नहीं है। बिलासपुर का न्याय इतिहास यह बताता है कि इसके पूर्व तीन बार डिसाइपल सत्य घोषणा के मामलों को लेकर व्यवहार न्यायालय में गए और उन्हें तीनों बार सफलता मिली।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर जस्टिस गुलाब गुप्ता की बेंच में जारी आदेश भी डिसाइपल के पक्ष में ही गया था।