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कोर्ट ने जयदीप के खिलाफ लगे आरोपों पर सिविल लाइन थाना से मांगा प्रतिवेदन

फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी से एठी रकम

24hnbc.com 
बिलासपुर, 23 दिसंबर 2024 
यह पूरा मामला नजूल सीट नंबर 4 के प्लाट नंबर 47 में जाने का रास्ता न होना के लिए रास्ता देने के नाम पर 13 लाख झटक लेने का है। प्लॉट नंबर 47 में अजय लूथर, संजय लूथर के नाम पर 6570 स्क्वायर फीट जमीन है। जिसमें जाने का रास्ता नहीं है। उसे समय यूसीएमएस की एक पावर ऑफ अटॉर्नी जयदीप रॉबिंसन और उनके एक पार्टनर के नाम पर थी। पार्टनर की मृत्यु हो चुकी थी लिहाजा पावर ऑफ अटॉर्नी प्रभाव शून्य थी। एक पावर ऑफ अटॉर्नी को आधार बनाकर 12.3.2018 में नजूल अधिकारी आशुतोष चतुर्वेदी की कोर्ट में प्लॉट नंबर 48/2 जो मिशन की संपत्ति है का सीमांकन आवेदन जयदीप रॉबिंसन ने प्रस्तुत किया।
इस मामले में कोई अंतिम निर्णय नहीं है संजय लूथर, अजय लूथर ने जयदीप रॉबिंसन को 250000 रुपए का चेक और शेष रकम नक़द दी थी। अपने 156 (3) के आवेदन पत्र में उन्होंने कहा कि यूसीएमएस के कथित पदाधिकारी ने तथ्यों को छुपाते हुए इकरारनामा किया। प्रभाव शून्य पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर नकद और चेक लिया और बाद में रकम लेने से ही इनकार कर दिया। तब उसे ठगी का आभास हुआ और इस संदर्भ में सिविल लाइन थाना ने भी अपराध दर्ज नहीं किया, तब उसे 156(3) के तहत न्यायालय में आवेदन करना पड़ा। कोर्ट ने 21.01.2025 के पूर्व पुलिस से जांच प्रतिवेदन मांगा है। 
इसके पूर्व भी वर्ष 2024 आठवें महीने में सीएनआई के पदाधिकारी के विरुद्ध सिविल लाइन थाना में एक अपराध दर्ज है। और इसकी शिकायत नजूल अधिकारी ने स्वयं की थी बिलासपुर, रायपुर नजूल अधिकारी ने पद नाम बदल बदल कर आवेदन पत्र प्रस्तुत करने और अन्य मामलों को लेकर पावर ऑफ अटॉर्नी की कॉपी प्रस्तुत करने का पृथक से एक आदेश जयदीप रॉबिंसन को दिया था। 5.12.2024 रजिस्टर फॉर्म समिति ने श्रीमती बिष्ट की एक याचिका पर जयदीप रॉबिंसन, नितिन लॉरेंस के विरुद्ध स्थगन आदेश दिया है। कुल मिलाकर 25 दिसंबर को केक काटने के पूर्व छत्तीसगढ़ डायोसिस के पदाधिकारी को झटके पर झटका लग रहे है।
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