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प्रमोद महाजन की हत्या और बिवेक की मौत अनसुलझे रहस्य
- By 24hnbc --
- Friday, 10 Dec, 2021
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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और नेता अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं पर खूब किस्सागोई करते हैं किंतु अपने दल के नेताओं की कहानियां कभी बयान नहीं करते भाजपा के एक ऐसे ही चर्चित नेता थे प्रमोद महाजन लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेई के आंखों के तारे हुआ करते थे प्रमोद। प्रमोद महाजन की मृत्यु और कुछ ही दिनों के अंतराल के बाद उनके निजी सचिव बिवेक मोइत्रा की मौत के बाद कहा जाता है कि भाजपा का बहुत सारा चंदा डूब गया क्योंकि महाजन इंतजाम अली थे और वे उनका सेक्रेटरी ही जानता था कि पैसा कहां है। 3 मई 2006 मुंबई के वर्ली क्षेत्र में जहां पर प्रमोद महाजन का निजी आवास है पर उनका भाई प्रवीण महाजन सुबह-सुबह पहुंचा दोनों भाइयों के बीच तेज आवाजों में कहासुनी हुई इसी बीच प्रवीण महाजन ने पिस्टल जिसका उसके पास लाइसेंस भी था से प्रमोद को सूट कर दिया एक गोली नहीं लगी तीन गोलियां शरीर के अलग-अलग स्थानों पर घुस गई और इतना करने के बाद प्रवीण वहां से निकल गया और उसने वर्ली पुलिस स्टेशन पर समर्पण कर दिया। इस समय महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार थी और विलासराव देशमुख मुख्यमंत्री थे गोली चलने के 13 दिन के बाद प्रमोद महाजन की मौत हुई क्योंकि पूरा मामला हत्यारे द्वारा स्वयं समर्पण कर देने का था। अतः पुलिस को कोई बहुत काम नहीं करना था किंतु परिवार के सदस्यों का जो बयान हुआ कोर्ट में पारिवारिक रिश्तो की जो धज्जियां उड़ रही थी तो कोर्ट में प्रमोद महाजन की पत्नी का आवेदन पत्र लगा की परिवार की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखकर मामले की सुनवाई बंद कमरे में हो। 18 दिसंबर 2009 को प्रवीण महाजन को उम्र कैद की सजा सुना दी गई 2010 में हाईकोर्ट से प्रवीण को पेरोल मिला 4 मार्च 2010 को पेरोल समाप्त होने के पहले ही 1 दिन पूर्व प्रवीण महाजन की मौत हो गई इस तरह आजीवन कारावास पाए हुए प्रवीण को जेल के बाहर मृत्यु नसीब हुई उन्होंने अपनी एक किताब भी लिखी है जिसका नाम माजा एल्बम है। इस किताब से पता चलता है की सत्ता के साथ- साथ प्रमोद महाजन के पारिवारिक रिश्तो में कितनी खटास आती जा रही थी प्रमोद महाजन रंगीन तबीयत के व्यक्ति थे उनका नाम शिवानी भटनागर पत्रकार इंडियन एक्सप्रेस हत्या दिनांक 23 जनवरी 1999 में भी कई बार उठा अभियुक्त आरके शर्मा आईपीएस की पत्नी मधु शर्मा ने उस दौरान कई बार यह आरोप लगाया था की शिवानी भटनागर की हत्या के पीछे प्रमोद महाजन का हाथ है और मेरे पति आरके शर्मा पर पूरा ठीकरा फोड़ना साजिश है यहां यह बताना भी जरूरी है कि आरके शर्मा को ट्राई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी थी किंतु दिल्ली हाईकोर्ट ने बाद में बरी कर दिया। प्रमोद महाजन की हत्या के बाद उनके अस्थि कलश को अलग-अलग नदियों में विसर्जित होना था जिस दिन 2 जून 2006 को अंतिम अस्थि कलश लेकर सेक्रेटरी बिवेक मोइत्रा और प्रमोद महाजन के पुत्र राहुल महाजन को अस्थि कलश लेकर निकलना था रात्रि में दोनों ने ड्रग्स का सेवन किया रात में ही दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया बिवेक की मौत हो गई राहुल बच गया यह पूरा मामला भी गड़बड़ झाले में फंसा है पहले पुलिस ने कहा कि मामला फूड प्वाइजनिंग का है जिस अस्पताल में इलाज चल रहा था अपोलो के स्वास्थ्य बुलेटिन में भी फूड प्वाइजनिंग को ही बताया गया किंतु कुछ ही देर में यह तथ्य बाहर आ गया कि रात्रि में दोनों ने ही कोकिंग वह भी ₹500 के नोट से खींच कर सेवन की और बेहोश हो गए बिवेक ने ड्रग पेडलर से फोन पर नशे की पुड़िया मंगाई थी महाजन जी का यह मकान दिल्ली में तुगलक रोड थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है ड्रग लाने वाला साहिल कश्मीर का रहने वाला था वह और उसके 3 साथी यही काम करते थे। ड्रग दो खेप में लाए गए इस बात का खुलासा कभी नहीं हुआ की मोइत्रा की मौत ड्रग के जिस डोज से हुई उसी डोज से उसी रात राहुल की मौत क्यों नहीं हुई, मोइत्रा के निधन से चंदे का राज सिर्फ राहुल ही जान सका एनडीपीएस के केश से राहुल बरी हो गया ड्रग पेडलर भी बच निकले इस तरह प्रमोद महाजन बिवेक मोइत्रा की मौत हो गई दिल्ली और मुंबई के सत्ता गलियारों में प्रमोद महाजन मर्डर केश मोइत्रा ड्रग ओवरडोज केश और राहुल की रंगीनियों के कई किस्से हैं किंतु वर्तमान में गोदी मीडिया की कृपा कि इन सब पर टीका टिप्पणी नहीं होती।