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15 वर्षों में अरपा को किसने लूटा

 24 HNBC  बिलासपुर

बिलासपुर। अरपा नदी की अस्मिता दोबारा बहाल हो शहर के भूमिगत जल की रिचार्जिंग शुरू हो और नदी को उसकी विशिष्ट पहचान मिले इसको लेकर शहर विधायक इन दिनों खासे गंभीर हैं। कांग्रेस ने ही पिछले विधानसभा चुनाव के पूर्व अरपा नदी को महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया था। सवाल यह उठता है कि अरपा नदी का भीषण तरीके से दोहन किसने किया...? किसके कार्यकाल में हुआ...?और लाभ किसे पहुंचाया गया...? लंबाई की दृष्टि से अरपा नदी कोई बहुत बड़ी नदी नहीं है किंतु बिलासपुर शहर के लिए जीवनदायिनी है, अच्छा हुआ इस तथ्य को समय रहते पहचान लिया गया और नदी को बचाने के लिए ना केवल योजना बनी बल्कि उसे वास्तविक धरातल पर उतार भी दिया गया अन्यथा एक सरकार तो ऐसी भी आई थी जिसने अरपा को टेम्स के समान बनाने का शब्जबाग दिखाया और एक होटल में मीडिया को खाना खिला कर जनता को 15 साल बेवकूफ बनाया। टेम्स नहीं बन पाई तो तीसरे कार्यकाल में विकास प्राधिकरण बना दिया गया और विकास भवन में कारपोरेट स्टाइल का ऑफिस बनाकर पूरी धनराशि केवल वेतन देने में खर्च की अब जब नदी पर बैराज बन रहा है और दोनों तरफ रोड का काम शुरू हुआ है तो रेत चोरी जैसी खबरें लगातार आ रही हैं ।

 26 मई को जब बिलासपुर के विधायक कार्यस्थल पर निरीक्षण करने गए तो उन्होंने संबंधित सरकारी अधिकारियों की क्लास ली, उन्होंने 15 साल का हिसाब पूछा अब सरकारी अधिकारी क्या जवाब दें
वे तो जिस शासन के गुलाम थे उसी के आदेश का पालन कर रहे थे अरपा से रेत की लूट अविभाजित मध्यप्रदेश के आखिर आखिर वर्षों का खेल है। शहर के सुधि जन याद करते हैं कि 1998-99 मे कैसे उस समय एक रेट कॉकस बना और रेत से तेल निकालने का काम शुरू हो गया वर्ष 2001 से 2003 के बीच रेत के ठेकेदारों पर अंकुश लगा किंतु सत्ता परिवर्तन के बाद फिर से नए-नए तरीकों से रेत का खेल चालू हो गया। सर्वाधिक नुकसान सीवरेज योजना से पहुंचा जिस जनप्रतिनिधि ने सीवरेज को बिलासपुर का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया उसने ही सीवरेज काम पर लगने वाली रेत को राल्टी मुक्त कर दिया। सब जानते हैं कि सीवरेज में कितनी रेत लगी और कितनी रेट पसंदीदा कॉलोनाइजर के विभिन्न प्रोजेक्ट पर गई आज भी सीवरेज शहर के लिए नासूर है और अरबों रुपए लग जाने के बाद भी इस प्रोजेक्ट का अंत नजर नहीं आता। यदि अरपा पर बैराज का निर्माण योजना अनुसार हो गया तब सीवरेज के दंश को शहर झेल लेगी अन्यथा सीवरेज के बाद बैराज का झटका शहर की जनता जेल नहीं सकती। यही कारण है कि बिलासपुर के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि अरपा के योजना को गंभीरता के साथ पूरी ईमानदारी से समय सीमा में पूरा होने दें तभी कांग्रेस की सरकार आने वाले दिनों में अपनी पीठ जनता से थपथपवाने की हकदार होगी।