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जांजगीर जिले की खाकी का रंग, तीन दशक से है धूमिल
24 HNBC . बिलासपुर
बिलासपुर। जांजगीर जिले के सक्ति थाना में पदस्थ आरक्षक पुष्पराज सिंह की मौत का मामला आज कल सुर्खियों में है । कोई इसे षड्यंत्र पूर्वक की गई हत्या बोल रहा है कोई इसमें जातिगत एंगल देख रहा है और कोई पुष्पराज को रॉबिन हुड सिद्ध करने में लगा है असल बात पर किसी की नजर नहीं है जिस आरक्षक ने एक साल की सैलरी मुख्यमंत्री राहत कोष में दे दी है उसकी लाइफ स्टाइल बॉलीवुड हीरो के समान थी । आरक्षक की अपनी होंडा सिटी कार है किंतु जिस दिन उसकी मृत्यु होती है वह स्कूटी पर घूम रहा पाया जाता है। स्कूटी भी किसी मित्र की मांगी हुई पूरे मामले में जांजगीर पुलिस के इतिहास पर नजर डालना जरूरी है। अविभाजित मध्य प्रदेश के समय से इस क्षेत्र की पुलिस और अपराधियों का आपसी संबंध चर्चा का विषय रहा है। 1993 में सक्ति थाना के अंतर्गत एक पेसे से रजक जो कि आदतन चोर था ने आत्महत्या की और तत्कालीन सक्ति थाना टीआई को अपनी मौत का जिम्मेदार बताते हुए खत लिखा था उस मामले में क्या हुआ कोई नहीं बताता मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के विभाजन के पूर्व बाराद्वार क्षेत्र में हुई वेतन वेन लूट की घटना को कौन भुला सकता है जिसमें एक टी आई मुख्य आरोपी बनकर जेल गया और टी आई ने उस वक्त के जांजगीर पुलिस अधीक्षक के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे जैसा कि होता है । आईपीएस अधिकारी को गुपचुप तरीके से बचाया गया और पूरा मामला टी पर ही थोपा गया जेल से निकलने के बाद भी आरोपी टी आई, एसपी के खिलाफ दिए गए बयान पर हमेशा कायम रहे। अभी कुछ दिन पूर्व जांजगीर में जांजगीर के तत्कालीन कलेक्टर के विरुद्ध एक महिला ने दैहिक शोषण का मामला दर्ज कराया पीड़ित महिला के दोस्त के मृत्यु भी संदिग्ध परिस्थितियों में पिछले लॉकडाउन में हो गई है ऐसा बताया जाता है कि उन्हें कोरोना था अस्पताल से छूटने से पहले उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी किंतु मृतक के शरीर का क्रिया कर्म कोविड-19 प्रोटोकॉल के अधीन ही किया गया बताया जाता है कि क्षेत्र की पुलिस अघोषित रूप से इस व्यक्ति के मोबाइल के पीछे पड़ी थी। लगभग 5 वर्ष पूर्व इसी जिले में तक्षशिला नाम की एक महिला टी आई मूलमुला क्षेत्र में पदस्थ हुआ करती थी उनके ऊपर अपने ही निजी वाहन चालक जगदीश केे हत्या का आरोप लगा था मर्डर केस में टी आई की गिरफ्तारी भी हुई थी न्यायालय मैं अभियुक्त तक्षशिला एवं अन्य 3 के विरुद्ध 302 के साथ सबूतों से छेड़छाड़़ का मामला की धाराओं के तहत चालान प्रस्तुत हुआ सत्र न्यायालय से ही टीआई को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया। अब वह जिले के बाहर कहीं पदस्थ हैं। जांजगीर जिले में जुए का तिलिस्म है ऐसी जन चर्चा रहती है कि क्षेत्र में जुए की फड़ से ही थाने का स्टार तय होता है यह स्टार का अर्थ टी आई बनने के लिए लगने वाला खर्च है। सक्ति क्षेत्र में जुआ शिफ्ट में खेला जाता है सुबह 10:00 बजे से 2:00 बजे तक चलने वाली फड़ खड़खड़िया कहलाती है । 2:00 बजे से 3:00 बजे तक लंच टाइम होता है और फिर जुए की बड़ी फड़ लगती है अब जब सुबह 10:00 बजे से लेकर देर रात तक जुआ चलना है तो दिन से लेकर रात तक के सब इंतजाम वहीं पर होते हैं इन इंतजामों में सिगरेट, शराब, गांजा, नाश्ता, चिकन , मटन, मछली, संगीत यहां तक की डांस का लाइव परफॉर्मेंस तक हो सकता हैै। यह सब सुविधा इस बात पर निर्भर करती बताई जाती है कि फड़ किसकी है उसका राजनीतिक रसूख क्या है और संबंधित थाना क्षेत्र में उसने कितना चढ़ावा छोड़ा हुआ है जब जिले भर की खाकी इस तरह दागदार हुई बताई जाती है तो पुष्पराज के मामलों में कोई एक खास एंगल समझ पाना समझ के परे है।