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डमी एडमिशन के चलते स्कूली शिक्षा हुई कबाड़
- By 24hnbc --
- Thursday, 10 Jul, 2025
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बिलासपुर, 11 जुलाई 2025।
गुरु और उसका व्यवसायी करण की लालच ने एक तरफ गुरु पद की महिमा को तार-तार कर दिया और दूसरी तरफ शिक्षा जिसे भारतीय संस्कृति में संस्कार कहा जाता है को इस स्तर तक व्यवसायी किया कि यह अब मर्यादित तो नहीं कहीं जा सकती। हमने इस समाचार को 10 जुलाई गुरु पूर्णिमा के दिवस पर इसलिए प्रकाशित नहीं किया की कोचिंग गुरुओं के मन में भले ही गुरु के प्रति सम्मान दिखावटी है। पर हम ऐसे गुरुजन को ठेस नहीं पहुंचा सकते जो आज भी पवित्र मानसिकता से अपनी शिक्षा दान का काम करते हैं।
बिलासपुर जिले में कोचिंग संस्थानों और व्यापारिक स्कूलों के बीच व्यापारिक संबंधों के कारण डमी एडमिशन का खेल शिक्षा के स्तर को चौपट कर रहा है। इस खेल के खिलाड़ी केवल रूपयों को प्राथमिकता देते हैं। पिछले शिक्षा सत्र में हमने डमी एडमिशन के मुद्दे को कई बार उठाया। जिले के दो स्कूलों की जांच हुई दोनों पर पांच-पांच लाख का जुर्माना सीबीएसई ने की दोनों स्कूलों में डमी एडमिशन सिद्ध पाए गए। एक स्कूल में तो डमी छात्रों की संख्या 700 से ज्यादा थी। एक छात्रा के पीछे एक लाख रुपए का लेन-देन होना है। केलकुलेटर उठा ले स्कूल और कोचिंग के बीच 7.50 करोड़ का बंदर बाट हुआ। कोचिंग की फीस पृथक है। जो किसी भी तरह से प्रति छात्र एक लाख से काम नहीं हो सकती।
केंद्र सरकार के कोचिंग संबंधी नियमों की अवहेलना प्रत्येक कोचिंग करता है। जितनी बड़ी कोचिंग उतना नियमों को ताक पर रखना। कलेक्टर, कमिश्नर, शिक्षा सचिव सबके पास इस सिंडिकेट की शिकायतें भेजी गई है पर कोचिंग संस्थानों से राजनीतिक दल मंत्री और अफसर शाही के सीधे तार जुड़े हुए हैं। यहां तक की कुछ कोचिंग संस्थाओं के हाथों से बड़े से बड़ा गलत काम नौकरशाही से कराया जा सकता है, क्योंकि छत्तीसगढ़ के बहुत से अधिकारी या तो कोचिंग संस्थानों में सेवा देते हैं या वहां पढ़ते थे।