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कोचिंग संस्थाओं पर कार्यवाही करते समय क्यों शिथिल हो जाता है जिला प्रशासन।

24 HNBC. बिलासपुर

 
बिलासपुर में नियम कानून केवल आम आदमी के लिए है व्हीआईपी इन नियमों से ऊपर हैं खासकर ऐसे व्हीआईपी जो नौकरशाही को तैयार करते हैं । इन्हें आम भाषा में कोचिंग सेंटर्स कहा जाता है। धारा 144 को लागू हुए 4 दिन से ज्यादा बीत चुका है किंतु इस बीच में शहर के भीतर चल रही किसी भी कोचिंग संस्थान पर कार्यवाही नहीं हुई है। ऐसा नहीं है कि सब कोचिंग सेंटर नियम अनुसार चल रहे हो पता चला है कि दयालबंद स्थित एक कोचिंग सेंटर जो आईएएस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए तैयारी कराता है में आज एक ही कक्षा में 172 व्यक्ति एक साथ कोचिंग ले रहे थे इस कोचिंग का संचालक यूट्यूब पर बड़े ज्ञान ध्यान की बातें करता है । और शिक्षा देता है कि घर पर बैठकर पढ़ना कोरोना लड़ने का सबसे अच्छा तरीका है ऐसे में 172 लोग क्लास में बैठकर किस गुरु की शरण में क्या कर रहे थे। बिलासपुर का जिला प्रशासन इन दिनों सिर्फ चौराहे पर 500, 200 का चालान काट कर खुश हो रहा है कि उसने कोरोना को परास्त किया, जबकि पढ़े लिखे सरकारी नौकरी के तलबगार हजारों रुपए देकर कोचिंग में आने वाले इन सब चीजों से दूर सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे हैं और एक साथ एक कमरे में बैठकर संक्रमण फैला रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि जिला प्रशासन के कई अधिकारी ऐसे ही कोचिंग में पढ़ते थे। और इन्हीं गुरु जी की कृपा से आज तहसीलदार, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, सब इंस्पेक्टर, डीएसपी, बनकर बैठे हैं। इसीलिए कोचिंग संस्थान के खिलाफ कार्यवाही करते वक्त हाथ कांपता है।