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सुशासन के काल मे गाय हाय-हाय

गौवंश के दुर्गति का जिम्मेदार कौन?

24hnbc.com 
बलौदाबाजार, 14 अगस्त 2024। समाचार संकलन जिला प्रतिनिधि 
गाय भारत का एक महत्वपूर्ण पशु है। हिंदू धर्मावलंबियों के लिए यह पूज्यनीय है और इसे गौ माता की संज्ञा दी गई जाती है भारत में गाय की पौराणिक कथा, आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। पुराणों के अनुसार गाय की हत्या, यह जघन्य पाप है। भगवान शिव की सवारी नंदी गाय हैं। धार्मिक और सामाजिक तौर पर गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। तो वही दूसरी ओर पिछले कुछ समय से गाय के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। जिसका प्रत्यक्ष उदहारण जिले मे हुए दो घटना मरदा और कोसमंदा गातापार है 
जिला बलौदाबाजार भाटापारा अभी कुछ समय से आये दिन बड़ी बड़ी मुश्किलो का सामना कर रहा है मानो जिला बलौदाबाजार भाटापारा किसी प्रकार से ग्रहण लग गया हो जिला आगजनी मामले से उबरने के प्रयास मे है तो कुछ नए अन्य घटनाये मुश्किलो से उबरने के लिए समस्या पैदा कर देती है कुछ अन्य समस्यायों मे इस प्रकार की घटनाओ के श्रेणी मे आते है हो रहे घटनाओ से हाले समय मे बलौदाबाजार जिला राज्य के हॉटस्पॉट जिले जैसा प्रतीत हो रहा है जिला बलौदाबाजार राज्य की राजनीती मे विषयबिंदु बनने के लिए मजबूर हो जा रहा है । राज्य मे जुलाई माह लगते ही क़ृषि कार्य प्रारम्भ हो जाते है फिर भी सरकार आज पर्यंत गौठान और गौ अभ्यारण पर निर्णय नहीं ले पायी जिसके कारण स्थानीय प्रशासन पंचायतो मे मवेशीयों के रखरखाव के लिए कोई मजबूत कार्य वाही नहीं कर पा रही है जिले के पंचायतो के ग्रामीण जनदर्शन मे लिखित शिकायत लेकर समस्या का हल करने मिलने जाते है किन्तु राज्य सरकार के स्पष्ट निर्णय नहीं होने के कारण टेम्परी व्यवस्था करते है किसान अपने फसल के लिए खेतो को घेर रखे है फिर भी गावो मे आवारा मवेशीयों की संख्या ज्यादा होने के कारण नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।आज भी जिले मे ह्रदयविदारक घटना सामने आयी है जिले मे जिस प्रकार से मवेशीयों का दुर्गति होने जैसा मामला सामने आ रहा है भावी समयो मे बढ़ती घटनाओ के कारण मवेशीयों के अस्तित्व पर बात सामने आने जैसा प्रतीत हो सकता है बलौदाबाजार जिले में गातापार मार्ग में आज सुबह हैरत में डालने वाला नजारा देखने में आया है।सुबह राहगीरों को 23 गायों की लाशें सड़क में बिछी मिली है।जिले मे एक बार फिर से बड़ी संख्या में गोवंश मृत मिले है। जिले के तहसील पलारी अंतर्गत ग्राम गातापार से कोसमंदी अछोली मार्ग पर सड़क किनारे मृत अवस्था में 23 गौवंश मिलने से सनसनी फ़ैल गई है। सूचना मिलते ही प्रशाशन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जिसमें तहसीलदार, जनपद सीईओ, वेटनरी डॉक्टर के साथ ही पुलिस विभाग की टीम मौके पर पहुंची है।
इतनी बड़ी संख्या में गायों की मौत कैसे हुई, यह तो अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन कहीं ना कहीं इन गायों को बाहर से लाकर गांव के आउटर में सड़क के किनारे फेंका गया है, ऐसा प्रतीत हो रहा है। इन सभी गायों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है। उसके बाद इन्हें वहीं गड्ढा खोदकर दफना दी गयी । मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी ने बताया कि, अज्ञात व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज कर विवेचना की जा रही है जल्द ही आरोपियों को गिरप्तारी होंगी 
यह भी समस्या गंभीर हो चुकी है ध्यान रहे कि प्रदेश की सड़कों पर मवेशियों के जमघट से होने वाली होने वाली परेशानियों को लेकर वर्ष 2019 में जनहित याचिकाएं लगाई गई थी। तब से लेकर अब तक हाईकोर्ट ने कई बार दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने मार्च 2024 में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, एनएचएआई से जवाब मांगा था। अभी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बरसात शुरू होते ही सड़कों पर मवेशी नजर आने लगे हैं। यह शहर ही नहीं, पूरे प्रदेश की समस्या है। अब यह गंभीर हो चुकी है। इसे संयुक्त प्रयास से ही समाधान किया जा सकता है।
किनका क्या क्या कहना है
गौठान बंद करना राज्य सरकार की सबसे बड़ी गलती है मवेशीयों की मृत्यु का जिम्मेदार भाजपा सरकार है हितेंद्र ठाकुर 
जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी बलौदाबाजार भाटापारा प्रथम दृष्टिया से मालूम होता है कि ये सभी मवेशी करीब 20 घंटे किसी बंद कमरे मे रहे है चुकि लगभग सभी मवेशियो की जीभ बाहर निकली हुई है इससे यही लगता है कि सभी मवेशीयो की मृत्यु दम घुटने से हुआ है डॉ नरेन्द्र सिंह जिला पशु चिकित्सा अधिकारी जिला बलौदाबाजार भाटापारा उक्त मामले पर सुचना मिलते ही जिला प्रशासन के निर्देश पर राजस्व पुलिस पशु चिकित्सा एवं जनपद के द्वारा मृत पशुओ को उचित प्रबंधन किया गया है देवेंद्र नेताम तहसीलदार।
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