क्षेत्रीय विधायक पर सीधा लगाया षड्यंत्र का आरोप
अब जमीन की रजिस्ट्री सहित ज्ञापन सौंपा दर्रीघाट भूमि घोटाले में
- By 24hnbc --
- Monday, 21 Feb, 2022
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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। दर्रीघाट में भू स्वामी ने ही अपने खसरे और रकबे में इस तरह से छेड़छाड़ की ग्राम की 110 एकड़ भूमि 135 एकड़ में तब्दील हो गई और भू स्वामी ने बंटवारे में मिली और पूर्व में बेची जा चुकी जमीनों को दोबारा बेचना प्रारंभ कर दिया। यह सब षड्यंत्र स्वयं को भारतीय जनता पार्टी का कथित पदाधिकारी बताते हुए किया गया। ज्ञापन सौंपने वालों ने कहा कि भूमि के क्रेता विक्रेता क्षेत्रीय विधायक के रिश्तेदार बताए जाते हैं। बिलासपुर में 25 फरवरी को छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल का आगमन है बिलासपुर के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल राजस्व मंत्री भी हैं ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णमूर्ति बांधी के खिलाफ ज्ञापन देकर दर्रीघाट के जनप्रतिनिधियों ने एक नया राजनैतिक मोर्चा खोल दिया सौपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि दर्रीघाट ग्राम पंचायत मस्तूरी ब्लाक की महत्वपूर्ण ग्राम पंचायत है, क्योंकि रायपुर राजधानी से आने वाला नेशनल हाईवे दर्रीघाट के मुहाने पर खुलता है यह राष्ट्रीय राजमार्ग 49 है इस कारण इस क्षेत्र की जमीनों का भाव इन दिनों आसमान छू रहा है। ऐसे में रकवे में 25 से 30 एकड़ की हेरफेर बाजार मूल्य के अनुसार करोड़ों में हैं । इस क्षेत्र में इन दिनों 400 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति स्क्वायर फीट तक जमीनों की बिक्री चल रही है। सौपें गए ज्ञापन में तथ्यात्मक तरीके से बताया गया है कि खसरा क्रमांक 113 / 17, 20 / 3 तथा 77 / 7 भूस्वामी हर्षवर्धन, कीर्तिवर्धन स्वयं को भाजपा पदाधिकारी बताते हैं । क्रेता दीपक दुबे, संतराम कश्यप, संजय कश्यप, सुनील विश्वकर्मा भाजपा के पदाधिकारी हैं। रजिस्ट्री में गवाह बृजनंदन प्रसाद टंडन मस्तूरी विधायक का रिश्तेदार है तथा एक अन्य क्रेता सुमित्रा धुरी शिक्षाकर्मी है । आरोप है कि उपरोक्त खातों में खाताधारकों ने वास्तविक भूमि समाप्त हो जाने के बाद भी दस्तावेज में कूट रचना हेरफेर करके छल पूर्वक भूमि दर्ज की और उसे बेच दिया साथ ही भूमि के क्रय विक्रय में रुपयों के स्रोत की भी जांच होनी चाहिए। ज्ञापन सौंपने वाले महमंद के उप सरपंच नागेंद्र राय ने कहा कि राष्ट्रीय राज्य मार्ग 49 पटवारी हल्का नंबर 25 राजस्व निर्माण मंडल सीपत, तहसील मस्तूरी में गलत तरीके से भूमि का अधिग्रहण हुआ है बेजा कब्जा धारियों को भूमि स्वामी बताकर पट्टा दे दिया गया ऊंचे मूल्य पर मुआवजा दिया गया बाद में इन्हीं जमीनों के पीछे के हिस्से को प्लॉटिंग करके बेचा जा रहा है और आश्चर्य की बात यह है कि इस जमीन पर से नेशनल हाईवे निकला ही नहीं है। मांग की गई है कि पूरा भूमि घोटाला प्रथम दृष्टया भदौरा भूमि कांड से भी बड़ा है और क्षेत्र में खसरा नंबर 113 / 17, 20 / 3, 77 / 7 की जमीनों के क्रय विक्रय पर रोक लगाई जाए उच्च स्तरीय जांच समिति बैठाई जाए तथा तत्काल इस मामले में कलेक्टर संज्ञान ले ।