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हाउस चर्च और कांजी हाउस के फर्क को समझें, प्रशासन फिर करें कार्यवाही

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बिलासपुर, 21 अगस्त 2025। 
मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में केरल के दो नन छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार हुई मामले को कुछ ऐसी धाराओं में बनाया गया कि प्रकरण एनआईए कोर्ट में ही सुनवाई योग्य बचें। इसी कारण पूरा प्रकरण बिलासपुर जिला पहुंच गया उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के कारण दोनों नन को बेल तो हो गई पर अब नित्य प्रतिदिन बिलासपुर जिले में ही कहीं ना कहीं हाउस चर्च पर गिरफ्तारी और कार्यवाही की शिकायत पर खबरें पढ़ी जा सकती है। 
हाल ही में रायपुर पुलिस और जिला प्रशासन ने ईसाई समुदाय के पादरियों और प्रतिनिधियों के साथ बैठक की प्रशासन ने निर्देश दिया प्रार्थना सभा केवल अधिकृत धार्मिक संस्थाओं यानी पंजीकृत चर्च में ही की जाएगी। घर में चल रहे तथा कथित हाउस चर्च के नाम पर धर्मांतरण की गतिविधि हो रही है। बिलासपुर जिले में भी हाउसिंग चर्च की बातें आती रहती है। पहले चर्चित विवाद कोटा का है जिसमें विधायक तक पर आरोप लगे। अभी इसी माह ग्राम भरनी में भी एक घर को इसी आरोप में तोड़ा गया है, फिर मसूरी ब्लॉक के पचपेड़ी थाने में पचपेड़ी के सुखनंदन लहरे की गिरफ्तारी हुई है। मामला हाउस चर्च का ही है निगम क्षेत्र हो या ग्रामीण क्या जिला प्रशासन के पास पंजीकृत धार्मिक स्थलों की पूरी सूची है। इसमें सभी धर्म, पंथ, समुदाय के धार्मिक स्थलों की बात हो रही है। फिर चाहे मामला प्रजापिता का हो, राम रहीम का हो या आसाराम बापू का पहले जिला प्रशासन धार्मिक स्थलों के पंजीकरण की अधिसूचना जारी करें और उनसे उनके निर्माण के वैध दस्तावेज व नक्शे प्राप्त करें और फिर नक्शे के अनुसार निर्माण हुआ है कि नहीं जांच करें ऐसे धार्मिक स्थलों को अलग से पंजीकृत करें जहां रहने की भी व्यवस्था है। कुल धार्मिक स्थलों के परिसर में ही शाला भवन भी संचालित है। जहां रोज यज्ञ हवन होता है उसकी भी जानकारी एकत्र करें। प्रशासन केवल हाउस चर्च को टारगेट क्यों करता है। घर-घर अभी गणेश पधारेंगे कितने स्थान पर प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमा रखी जाएगी नियम तो सबके लिए बने हैं। डीजे की ध्वनि जात पात नहीं देखी नए नियम के मुताबिक कितनी कार्यवाही हुई बताएं प्रशासन का जो मूल काम है वह तो उससे समहलता नहीं हाउस चर्च पर कार्यवाही वह भी एक तरफा लगता है कि प्रशासन के अन्य सभी काम पूर्ण हो चुके हैं।