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कोटा विधानसभा बना हिंदुत्व की नई प्रयोगशाला
- By 24hnbc --
- Saturday, 09 Nov, 2024
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बिलासपुर, 9 नवंबर 2024।
यू तो बिलासपुर जिले का कोटा विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक और सामाजिक रूप से शांत क्षेत्र है। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में आदिवासी निवास करते हैं और सामान्य विधानसभा होने के बावजूद यहां की ग्राम पंचायत में पेशा कानून लागू है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा ने जुदेव परिवार के प्रबल प्रताप जुदेव को अपना प्रत्याशी बनाया। वे चुनाव हार गए पर तभी से धर्मांतरण और हिंदुत्व की राजनीति यहां का मूल विषय हो गया है।
5 नवंबर को रतनपुर से 25 किलोमीटर दूर ग्राम पुडु के आरक्षित ग्राम बांगलाभाटा में एक सामुदायिक भवन का लोकार्पण कार्यक्रम था। हिंदुत्व विचारधारा के प्रतिनिधि होने का दवा करने वाले लोग इसे प्रार्थना भवन ईसाई धर्म का होना बताते हैं। क्षेत्रीय विधायक अटल श्रीवास्तव ने इस मुद्दे पर स्थानीय नागरिकों के साथ जिला प्रशासन को एक ज्ञापन भी सोपा और कहा कि झूठे प्रचार पर कार्यवाही हो सामुदायिक भवन निजी धन और श्रम बल से बना है इसे बेवजह किसी धर्म के प्रार्थना भवन का नाम ना दिया जाए।
आज बिलासपुर प्रेस क्लब में अखिल भारतीय संत समिति व सर्व हिंदू समाज के पदाधिकारी ने पत्रकार वार्ता की आरोप लगाया कि अटल श्रीवास्तव धर्मांतरण जैसे कार्यों का बढ़ावा दे रहे हैं और अपने बयानों में हिंदुत्व को भगवाधारी गुंडे, भगवा आतंकवाद कहते हैं। इससे हमारा विरोध है वे माफी मांगे अन्यथा जो भाषा उन्हें समझ आती होगी उसमें समझा दिया जाएगा। और इस संदर्भ में संत समाज अपने 12-13 नवंबर के अमरकंटक में होने वाले सम्मेलन में निर्णय लेगा। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह कहा कि मठ मंदिर की जमीनों में पैदा हुआ धान सरकार खरीदता नहीं है इससे भी संत समाज नाराज है। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण, छत्तीसगढ़ की कुल आयु में 80% शासन भाजपा का रहा तो धर्मांतरण किसकी सह पर रहा। उन्होंने कहा पूरा मामला राजनीतिक सह पर चलता है। सनातन धर्म में तो मानवता की कल्याण की कामना करता है पर विदेशी मानसिकता वाले लोग राजनीति करते हैं।
कुल मिलाकर कोटा विधानसभा के माध्यम से बिलासपुर जिले में हिंदुत्व की राजनीति बाटेंगे तो काटेंगे के लिए रास्ता खोला जा रहा है। कुछ ही माह बाद स्थानीय निकाय त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव हैं और सरकार की असफलता पर चर्चा ना हो तो रतनपुर को केंद्र बनाकर हिंदुत्व के मुद्दे को बार-बार गर्म किया जा रहा है। यह सिलसिला पिछले दो वर्षों से चल रहा है। हिंदुत्व की राजनीति बिलासपुर जिले में समान रूप से ईसाई और मुस्लिम कम्युनिटी को अपने टारगेट पर लेती है। फिर चाहे आपराधिक मामलों का ध्रुवीकरण हो रतनपुर में ऐसा दो बार हुआ जब अपराधी की जाति और धर्म को बार-बार रेखांकित किया गया।
कोटा क्षेत्र में आम आदिवासी अपने दैनिक जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं पर उसे घर वापसी, धर्मांतरण, चंगाई सभा आदि में उलझया जाता है। जंगल की गैर कानूनी कटाई, आदिवासीयों के पट्टे की समस्या, विस्थापन आदि पर विचार न कर के धर्म की राजनीति में बार-बार असली समस्याओं को छोड़ा जा रहा है।