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कांग्रेस की स्थाई छति है बिलासपुर विकास प्राधिकरण
- By 24hnbc --
- Friday, 21 Jun, 2024
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बिलासपुर, 21 जून 2024।
बिलासपुर क्षेत्र में कांग्रेस का जिन कारणों से पतन हुआ उनमें से बिलासपुर विकास प्राधिकरण सबसे मुख्य है। आज इस मुद्दे को छेड़ने का उद्देश्य बताना है कि पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए जब कभी भी शोषित वर्ग को और अधिक नुकसान पहुंचाया जाएगा तो सत्ता धारी पार्टी को दोहरा नुकसान होगा। एक सत्ता से बेदखली और दूसरा वोट बैंक का नुकसान। जिसकी भरपाई दो से तीन पिढी़ में भी नहीं कि जा सकती।
आज जिस क्षेत्र को व्यापार बिहार के नाम से जाना जाता है, विकास प्राधिकरण का आर्थिक घोटाला इन्हीं जमीन पर हुआ मध्य प्रदेश के समय कांग्रेस पार्टी ने बड़े शहरों के सुनियोजित विकास के लिए प्राधिकरणों का गठन किया। बिलासपुर में निधि क्षेत्र के निजी लोगों की जमीन का अधिग्रहण हुआ उन्हें खुलकर ठगा गया। जो भूमि स्वामी इस ठगी का शिकार हुए वे या तो आदिवासी वर्ग के थे या अनुसूचित जाति, जिसे आमतौर पर एससी कहा जाता है। और छत्तीसगढ़ में एससी आमतौर पर सतनामी समाज से आते हैं। विकास प्राधिकरण में जिस भी नेता को पद मिला अधिकतर ने जमीनो के लालच में जमकर भ्रष्टाचार किया। शोषित वर्ग को ना तो जमीन का उचित मुआवजा मिला ना ही उन्हें वादे के अनुसार विकसित प्लॉट का हिस्सा दिया गया। एक सुनियोजित तरकीब के तहत ही प्राधिकरणों को एक से अधिक बार समाप्त क्या गया फिर पुनर्गठन किया गया। समाप्त करने और पुनर्गठन के बीच कागजों को गायब किया गया विकास प्राधिकरण में सरकारी खजाने को भी खूब नुकसान पहुंचाया गया। जमीन का अधिकरण और बिक्री अनुबंध के आधार पर हो गया सरकारी खजाने को पंजीयन शुल्क का एक ढेला नहीं मिला।
बिलासपुर में विकास प्राधिकरण व्यापार विभाग का क्षेत्र जूना बिलासपुर और तिफरा हल्के के अंतर्गत आता है। आज भी दर्जनों एससी और एसटी अपनी जमीनो को खोज रहे हैं। इस क्षेत्र के मिसल बंदोबस्त ने भी हेर-फेर किया गया। तभी तो बिलासपुर में कहावत है लक्षण मेहरबान सेठ पहलवान और लक्षण रुठा तो आदिवासी का एससी का सर्वनाश हो गया। इसी कारण यह तथ्य है कि प्राधिकरण ने कांग्रेस के कुछ नेताओं को सवार दिया और पार्टी के वोट बैंकों खाली कर दिया।