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शशांक दुबे

अमर अग्रवाल की लगातार तीसरी हार मरवाही के संदर्भ में

बिलासपुर। मरवाही में कांग्रेस की जीत पर बीजेपी की हार का बिलासपुर जिले की राजनीति से सीधा संबंध है। हार जीत के विश्लेषण के बीच किसी ने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि जब मरवाही में भारतीय जनता पार्टी हारी तो भाजपा के नेता बिलासपुर के पूर्व विधायक बीजेपी की राजनीति में दो दशक तक बड़े नेता के नाम से माने जाने वाले अमर अग्रवाल की तीसरी हार थी। पहली बार उन्हें विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी शैलेश पांडे ने हराया। यह अमर अग्रवाल की पहली हार थी । इसके बाद स्थानीय निकाय चुनाव में प्रदेश भाजपा ने अमर अग्रवाल को ही चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी बिलासपुर नगर पालिक निगम में कांग्रेस का सीधा कब्जा हुआ अमर अग्रवाल की दूसरी हार है। अजित जोगी के निधन से मरवाही में उपचुनाव घोषित हुआ और मरवाही ने अमर अग्रवाल को बीजेपी ने फिर चुनाव प्रभारी बनाया बीजेपी की फिर से हार हुई इस तरह कांग्रेस ने जीत की हैट्रिक भले ना बनाई हो लेकिन अमर अग्रवाल की हार की हैट्रिक जरूर हो गई। बिलासपुर जिले की राजनीतिक तासीर है जिसे जीत से नवाजती है उसे लगातार दिल में बिठालती है लेकिन जिस दिन हार से नवाजती है दिल से भी निकाल देती है। मध्य प्रदेश के कांग्रेसी शासन कर्ता मे उप मुख्यमंत्री तक बने बी आर यादव ने राजनीति में एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में पारी प्रारंभ की थी । और लगातार वे न केवल चुनाव जीतते चले गए साथ ही सत्ता के शिखर पर रहे उसके बाद उनके राजनैतिक पाराभाव का जो सिलसिला शुरू हुआ उसमें पुर्ण विराम लगकर ही कहानी समाप्त हुई । यदि उस समय कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में बिलासपुर की राजनीति के संदर्भ में समय अनुकूल निर्णय लिए होते तब स्थितियां कुछ और होती और यही बात अब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के संबंध में कही जा सकती है। 

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