No icon

24hnbc

स्वतंत्रता दिवस के पहले लोकतंत्र की लड़ाई, असल देश प्रेम है

24hnbc.com
बिलासपुर, 11 अगस्त 2025।
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के पूर्व एक तरफ भाजपा सत्ताधारी राज्य और केंद्र का इवेंट मैनेजमेंट स्वतंत्रता संगम के नाम पर चल रहा है। दूसरी ओर देशभर के विपक्षी दल संसद से चुनाव इवेंट कंपनी केचुआ के दफ्तर तक पैदल मार्च कर रहे हैं। उन्हें कंपनी के मुखिया से मिलने देने नहीं चाहती 1947 के बाद जब संविधान लागू हुआ तो पूरे देश के नागरिकों को एक वोट एक समान की ताकत यूं ही नहीं मिली तब भी दक्षिण पंथी ताकते बोर्ड को वर्गीकृत करने के लिए खूब उठा पटक की, संविधान सभा की बहस को पढ़ें। तो यह पता चलता है कि गरीबों को, कम शिक्षित वर्ग को वोट की ताकत से दूर रखने के लिए कौन लोग प्रयास रत थे और आज वही ताकते कैसे वोट की चोरी कर रही है। 
देश का संविधान और उसका आर्टिकल 142 सुप्रीम कोर्ट को अनलिमिटेड पावर देता है संसदीय लोकतंत्र की व्याख्या आर्टिकल 79 में है संसदीय लोकतंत्र का मूल तत्व वोट है और आज उसके रखवाले पर ही चोरी का आरोप नहीं दाग लगा है। संविधान में जिन संस्थाओं को स्वतंत्र रखने के लिए प्रयास किया व्यवस्था बनाई उसी में से एक संस्था चुनाव आयोग आज इवेंट कंपनी बन गया जो सत्ताधारी दल के साथ मिलकर देश में एक दलीय लोकतंत्र की स्थापना की साजिश को रचा हुआ है। 7 अगस्त को जब देश के नेता प्रतिपक्ष ने इस साजिश का पूरा पर्दाफाश किया तो केचुआ उन्हीं से शपथ पत्र मांगने लगा। जबकि उसके साथ उत्तर प्रदेश चुनाव में धांधली के आप पर एक- दो नहीं 18000 शपथ पत्र रखे हुए हैं। तीन दिन बाद ही देश के प्रधानमंत्री जिन पर लोकतंत्र में वोट चुरा कर सत्ता में आने का आरोप है फिर से भाषण देंगे। आज ही लद्दाख के कई नेता सोनम बनसुख के साथ पूर्ण राज्य का दर्जा दो की मांग के साथ भूख हड़ताल पर बैठे हैं। सोनम ने कहा झूठी तारीफ के बजाय आलोचना नेताओं को बेहतर बनाने में मदद करती है पर यह बात मनुष्य पर लागू हो सकती है नॉन बायोलॉजिकल पर नहीं। तीसरी बार सत्ता में आने के बाद इतनी जल्दी इज्जत तार तार होगी भक्तों ने सोचा नहीं होगा एक वोट की कीमत मतदाता जानता है और मत सिंदूर पर भारी पड़ेगा।