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सालेम मिशन स्कूल में प्रिंसिपल के खिलाफ आंदोलन

नितिन लॉरेंस की वकीली धमकी पर बवाल

24hnbc.com
बिलासपुर, 7 जुलाई 2025।
सालेम मिशन स्कूल में प्रिंसिपल रूपिका लॉरेंस के खिलाफ चल रहे शिक्षक आंदोलन ने अब एक नया और विवादास्पद मोड़ ले लिया है। जहां शिक्षकगण वेतन भुगतान और अन्य अनियमितताओं को लेकर प्रिंसिपल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं स्कूल की प्रिंसिपल के पति नितिन लॉरेंस ने आंदोलनकारियों को वकीली नोटिस भेजकर नया बवंडर खड़ा कर दिया है।
प्रदर्शनकारियों ने इस पर तंज कसते हुए कहा,
“यह तो वही बात हो गई जैसे पराई शादी में अब्दुल्ला दीवाना, और दीवानगी की हद ये कि खुद नोटिस में अपराध स्वीकार कर रहे हैं!”
वास्तव में, वकीली नोटिस के बिंदु ३ और ४ में खुद नितिन लॉरेंस ने स्वीकार किया है कि कोविड काल में स्कूल के शिक्षकों को सैलरी नहीं मिली, और उन्होंने इसकी जिम्मेदारी उस समय के अधिकारियों पर डाल दी।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि संस्था वही रहती है, चाहे अधिकारी कोई भी हो, और वर्तमान नेतृत्व — जिसमें प्रिंसिपल रूपिका लॉरेंस शामिल हैं — पर ही जवाबदेही आती है।
प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने व्यंग्य में कहा:
“अगर नितिन लॉरेंस की सोच माने तो कल वो बिजली-पानी का बिल भी नहीं पटाएंगे, ये कहकर कि अगले अफसर से वसूल लो!”
उन्होंने कहा कि जब नितिन लॉरेंस ने जिम्मेदारी की गद्दी संभाली है तो फिर वेतन, पीएफ और अन्य वित्तीय दायित्वों से मुंह नहीं मोड़ सकते।
अब यह वकीली नोटिस खुद नितिन लॉरेंस, प्रिंसिपल रूपिका लॉरेंस और बिशप सुषमा कुमार के खिलाफ लेबर कमिश्नर और एजुकेशन ऑफिसर को भेजा जाएगा।
मांग की जा रही है कि:
सात दिन में सभी शिक्षकों को बकाया वेतन दिया जाए
EPF (पीएफ) की राशि जमा की जाए और अपडेटेड स्टेटमेंट उपलब्ध कराई जाए।
यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो सरकार संबंधित अधिकारियों पर नोटिस जारी कर कुर्की की कार्रवाई करेगी।
डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़ की चुप्पी और बिशप कार्यालय से लगातार आ रहे प्रेस बयान और नोटिस इस बात का संकेत हैं कि अंदरूनी हालात गंभीर हैं।
अब देखना यह होगा कि सरकार और शिक्षा विभाग इस बढ़ते विवाद पर क्या रुख अपनाते हैं।