No icon

24hnbc

इमलीपारा का एक छोटी भूमि का टुकड़ा, शहर की राजनीति में बवाल, दो थाने हुए विवादित

24hnbc.com
समाचार - 
बिलासपुर, 12 नवंबर 2022। बिलासपुर में जमीन का कोई भी विवाद साधारण हो ही नहीं सकता, क्योंकि यहां भूमि क्रय करने वाले लोग ही असाधारण होते हैं। इन दिनों बिलासपुर तहसील न्यायालय में शहर के एक पूर्व प्रथम नागरिक ने धारा 250 के तहत बेजा कब्जा हटाने के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया है। 1450 स्क्वायर फुट भूमि विवाद प्रश्न है आवेदक के अनुसार उसने वर्ष 2015 में 1459 स्क्वायर फिट जमीन पर लेंटर वाला पुराना मकान क्रय किया था और काबिज चला आ रहा था प्रकरण के अनुसार उनकी इस भूमि पर10*15.6, 385.5, वर्ग फुट जमीन पर शरद और 30*17, 481 वर्ग फुट पर रवि नाम के व्यक्ति ने कब्जा कर लिया जिसे खाली करने के लिए प्रकरण पेश किया गया है। 
इस जमीन का सीमांकन 15/2/2021 को हुआ जिस व्यक्ति पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगा है, उसके आपत्ति में यह कहा गया कि प्रकरण का चौहद्दी ही गलत है और धारा 250 खाली जमीन पर बेजा कब्जा हटाने के संदर्भ में है। जबकि मौके पर तो पुराना लेंटर वाला मकान है तहसीलदार नहीं भी अपने आरंभिक आदेश में आवेदन पत्र के तथ्य और सीमांकन के तथ्यों में विनीता का उल्लेख किया आपत्ती को आंशिक रूप से स्वीकार कर प्रकरण बयान के लिए लगा दिया है पीसी बीच पूर्व प्रथम नागरिक ने अपनी रजिस्ट्री वर्ष 2015 में13/9/2022 को संशोधन प्रकरण प्रस्तुत कर चौहद्दी संशोधित करा ली है। 
वर्ष 2015 में जिस व्यक्ति से यह संपत्ति खरीदी गई थी वह अब इस दुनिया में ही नहीं है इस कारण संशोधन के लिए उसकी पुत्री उपस्थित हुई है पर प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक की अन्य तीन संताने भी हैं तीन ऐसे में एक संतान दुरुस्ती करण कैसे करा सकती हैं और अभी जब तहसील न्यायालय में बेजा कब्जा का प्रकरण विचाराधीन है तो आदेश आने के पूर्व ही रजिस्ट्री दुरुस्ती करण संडे को जन्म देता है। इमलीपारा मुस्लिम सराय पटवारी हल्का नंबर 22/36 जूना बिलासपुर की यह चर्चित भूमि वर्ष 2010-11 से चर्चित रही है। पहले इसी भूमि के विवाद को लेकर तार बाहरथाना क्षेत्र में फायरिंग हुई, और धारा 307 के तहत अपराध पंजीबद्ध हुआ बाद में इसी भूमि के प्रकरण में सिविल लाइन थाने के एक सब इंस्पेक्टर वर्तमान में के विरुद्ध दबाव डालने की शिकायत भी हुई जिस पर अभी जांच चल नहीं रही है जांच लंबित होने के बावजूद उस पुलिस कर्मचारी को दोबारा सिविल लाइन थाना पदस्थ कर दिया गया है। जबकि इस पुलिसकर्मी का स्थानीय निवास भी बिलासपुर शहर है। कुल मिलाकर 1450 या 59 स्क्वायर फीट जैसी छोटी सी भूमि का टुकड़ा 15 वर्षों तक सत्ता में रही पार्टी के जनप्रतिनिधि के लिए समस्या बनता जा रहा है। बताते हैं कि इस भूमि विवाद को कोर्ट के बाहर सल्टाने के लिए एक से अधिक बार अपहरण भी हो चुका है।