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फूड इंस्पेक्टर अब्दुल कादिर के विरुद्ध तारबहार में हुई एफआईआर, ब्याज वसूली गुंडागर्दी के कारण कैसे बंद हुआ पराठा हाउस जाने पूरा सच
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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। बिलासपुर शहर के नागरिकों को पराठो का स्वाद चखाने वाला रेस्टोरेंट पराठा हाउस शहर के ही ब्याजू धंधा करने वालों की गंदी नियत का शिकार हो गया। पराठा हाउस के संचालक रमित मिश्रा पिता चंद्र प्रकाश मिश्रा ने आज बादल खान और उसके भाई अब्दुल कादिर के विरुद्ध तारबहार थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने धारा 294, 323, 506, 342, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है अपने साथ हुए धोखाधड़ी के बारे में रमित मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण धंधे में अत्यधिक मंदी थी इसी बीच में अब्दुल अहफाज में उन्हें भरोसा दिलाया कि एक ऐसे व्यक्ति को वह जानता है जो मुसीबत से उभार देगा । अब्दुल ने रमित का परिचय अब्दुल कादिर से कराया तब रमित को यह नहीं बताया गया था कि जिस व्यक्ति से मिलाया जा रहा है वह खाद्य विभाग में खाद्य निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। रमित मिश्रा को अपने धंधे के लिए एक पार्टनर की जरूरत थी अब्दुल कादिर ने पैसा लगाने का भरोसा दिया और एकमुश्त रकम लगाने का आश्वासन दिया किंतु अब्दुल कादिर की नियत शुरू से ही गलत थी उसने रमित मिश्रा के धंधे में एकमुश्त रकम नहीं लगाई रकम टुकड़ों टुकड़ों में लगी किंतु पार्टनरशिप का कागज दबाव के साथ उसी वक्त तैयार कर लिया गया था। रमित का कहना है कि पार्टनरशिप का स्टांप पेपर तब नोटराइज भी नहीं था न ही रमित मिश्रा ने नोटरी के किसी पेपर पर हस्ताक्षर नही किए हैं इसी बीच पराठा हाउस पर खाद्य विभाग का छापा भी पढ़ा तब अब्दुल कादिर ने कहा कि वह खाद्य विभाग में ही काम करता है और यदि मेरे साथ रहोगे तो छापेमारी से भी बच जाओगे उसी समय रमित मिश्रा ने 31/8 /2021 के स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर किया है एक तरफ अब्दुल कादिर ने हीं भागीदारी की पूरी रकम एकमुश्त नहीं दी और टुकड़ों में लगभग ₹800000 दिया। किंतु वसूली वह पूरी रकम पर चाहता था इसी बीच अब्दुल कादिर के साथ उसका भाई बादल खान भी पराठा हाउस पर दबाव बनाने लगा यह जानना जरूरी है कि बादल खान बिलासपुर का पुराना नामचीन अपराधी तत्व है हत्या से लेकर आर्म्स एक्ट का आरोपी भी रहा है। हालांकि हत्या के मामले में वह बरी हो चुका है । 29 नवंबर को रमित मिश्रा को बादल खान और उसके 5-7 लोग उठाकर घर ले गए वहीं पर ₹50 के स्टांप पेपर पर रमित मिश्रा की कार सीजी 15 डीपी 15 15 का इकरारनामा भी लिखा लिया और कार छीन ली टीटीओ फॉर्म पर भी हस्ताक्षर करा लेने के बाद ही रमित मिश्रा को छोड़ा गया लगातार गुंडागर्दी दबाव के कारण रमित मिश्रा का पराठा हाउस बंद हो ही गया और अब जब जान पर भी बंद आई तो उसने पुलिस के पास एफ आई आर दर्ज कराया।