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फिर खुला 4 करोड़ के भ्रष्टाचार का पिटारा

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। सरकंडा थाना क्षेत्र का यह मामला छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के एक जनहित याचिका से जुड़ा हुआ है। वर्ष 2019 में उच्च न्यायालय के समक्ष दो याचिकाकर्ताओं ने बिलासपुर की सी एच एम ओ मधुलिका सिंह ठाकुर के विरुद्ध एक जनहित याचिका दायर की जिसमें याचिकाकर्ताओं का कहना था कि विभाग में उपकरण खरीदी, दवा खरीदी, मितानिनो की भर्ती के मामले में नियमों का उल्लंघन हुआ है और बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता हुई है कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर पक्षकार बनाया और लंबी सुनवाई के बाद याचिका को यह कहते हुए निराकृत किया कि राज्य शासन ने विभागीय जांच कराई है और प्रथम दृष्टया यह मामला आर्थिक अनियमितता का बनता है । याचिकाकर्ता चाहे तो संबंधित थाने में प्रथम सूचना पत्र दायर कर सकता है । 18-12-2019 में याचिकाकर्ताओं ने संबंधित थाने में आवेदन पत्र दिया। तत्कालीन टीआई ने कुछ दिन जांच उपरांत यह कहा कि मामला एफ आई आर के लायक नहीं बनता, असल में यह जानकारी भ्रामक थी पूरा प्रकरण अब सरकंडा थाने में दुबारा निकाला गया है फाइल को इस कारण अधूरा पाया गया कि विभाग ने पुलिस द्वारा मांगे गए खाता वही से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए थे ऐसा माना जा रहा कि इस पुराने मामले में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी हो सकता है। गौरतलब है कि 2019 में जब यह जनहित याचिका निराकृत हुई तो श्रीमती मधुलिका सिंह ठाकुर को तबादला कर दिया गया बाद में सब कुछ शांत होने पर फिर दोबारा इस पद पर आ गई थी किंतु इस कोविड काल में कोविड अस्पताल में उपकरण खरीदी में दोबारा विवादित हुई और इस बार 75 लाख से अधिक का गड़बड़ पाया गया। अब देखने लायक होगा कि अपने सर्वाधिक विवादित अधिकारी को बचाने के लिए वर्तमान अधिकारी क्या दाव चलते हैं ।