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कच्चे मॉल की बढ़ती कीमत से उधोग पति चिंतित मंदी , और कोवीड ने तोड़ी कमर

 

 

रायपुर। Chhattisgarh News: इन दिनों लौह उद्योगों की सबसे बड़ी मुसीबत कच्चा माल की कीमतों में बढ़ोतरी है। उद्योगपतियों का कहना है कि इसकी वजह से बहुत से उद्योग बंद होने की कगार पर पहुंच गए है। साथ ही कुछ उद्योगों ने तो उत्पादन ही काफी कम कर दिया है। उद्योगपतियों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर जल्द ही वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करेंगे। उनके सामने उद्योगों को आने वाली समस्याओं को सामने रखेंगे।छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी का कहना है कि एनएमडीसी को चाहिए कि वह प्रदेश के उद्योगों के लिए अलग से पालिसी बनाए। अलग से पालिसी भी इस प्रकार से बनाए ही यहां के उद्योगों को पहले आयरन ओर उपलब्ध कराए जाए और वह भी सही कीमतों में। उन्होंने कहा कि कच्चा माल की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रभाव बड़े उद्योगों को नहीं पड़ रहा है, लेकिन छोटे उद्योगों को इससे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।सरिया की कीमतें 50000 रुपये प्रति टन के करीब पहुंचाआयरन ओर की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण इन दिनों रिटेल मार्केट में सरिया 49200 रुपये प्रति टन पहुंच गया। हालांकि फैक्ट्रियों में इसके दाम 44000- 45000 रुपये प्रति टन बिक रहा है। क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इनकी कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकतीहै