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मिशन बेजा कब्जाधारीयों को क्यों मिले कोई विकल्प.....?
- By 24hnbc --
- Thursday, 21 Aug, 2025
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बिलासपुर, 22 अगस्त 2025।
वर्ष 2024 में बिलासपुर नजूल न्यायालय ने सीट नंबर 4 में स्थित मिशन अस्पताल रकबा लगभग 12 एकड़ की लीज निरस्त कर दी। मिशन अस्पताल की संचालक एजेंसी सीडब्ल्यूबीएम के पदाधिकारीयों को एक के बाद एक हार का सामना करना पड़ा और मामला उच्च न्यायालय से भी खारिज किया जा चुका है। इसी बीच बिलासपुर नजूल न्यायालय ने मिशन अस्पताल परिसर के भीतर रहने वाले लगभग 18 परिवारों को कब्जा छोड़ने का नोटिस दिया ये वे परिवार है जिनके परिवार का कोई सदस्य सीडब्ल्यूबीएम मिशन की नौकरी करता था। कब करता था का उत्तर अलग-अलग है। नजूल का नोटिस पाने के बाद यह बेजा कब्जाधारी आम राय होकर उच्च न्यायालय गए वहां पर न्यायालय ने मानवीय संवेदना के तहत इन्हें 30 दिन का समय दिया। मकान खाली करने या वैकल्पिक फोरम में न्याय प्राप्त करते।
सूत्र बताते हैं कि जिला प्रशासन इस सब को अटल आवास जैसे विकल्प देने की सोच रखती है यह एक तरह से बेजा कब्जा को बढ़ावा और वैद्यता प्रदान करने वाली सोच है। वर्तमान में अंदर जो भी परिवार रहता है उन्हें सबको एक तराजू में नहीं तोला जा सकता कुछ बेजा कब्जाधारी अत्यंत आर्थिक समृद्ध हैं और कुछ वास्तविक जरूरतमंद यहां ऐसे भी परिवार कब्जे में है जिनके पूर्वज सीडब्ल्यूबीएम की नौकरी करते थे। नौकरी करने वाले की मृत्यु हो गई, उनके प्रथम निकट संबंधी की भी मृत्यु हो गई पर इन परिवारों ने मकान खाली नहीं किया। उनका कोई सदस्य सीडब्ल्यूबीएम की नौकरी नहीं करता है। मिशन की संपत्ति पर बेजा कब्जा करके वे बरसों से इसलिए जमे रहे की इसे मुफ्त में पा जाएंगे। ऐसे बेजा कब्जाधारियों को तो किसी भी तरह का विकल्प मिलना ही नहीं चाहिए। यदि जिला प्रशासन, नगर निगम ऐसा कोई प्रस्ताव रखती है तो वह न्याय के खिलाफ ही होगा।