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30 साल का घोटाला एक दुकान खाली करने से नहीं खुलेगा

एक तैयब की दुकान क्यों... फिजिकल कल्चर सोसायटी की हर दुकान की जांच होनी चाहिए

24hnbc.com 
बिलासपुर, 16 मई 2024।
2 दिन पूर्व नगर पालिका निगम के कुछ लोगों को होश आया कि कांग्रेस के एक नेता तैयब हुसैन ने रघुराज सिंह स्टेडियम स्थित एक दुकान पर कब्जा कर रखा है, उन्होंने इसे खाली कर लिया। तैयब हुसैन इन दोनों एक आपराधिक प्रकरण में जमानत खारिज होने के गिरफ्तारी के डर से फरार है। पर नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी फिजिकल कल्चर सोसायटी की बैठक क्यों नहीं बुलाते..... आश्चर्य की बात यह है कि दो दशक से अधिक समय बीत चुका 1958 में गठित की गई इस सोसायटी की बैठक नहीं हुई है। 
चलिए हम आपको बिलासपुर के अवसरवादी नेताओं के उस कारनामें से परिचय करते हैं, जिन्होंने 58 में बनी इस समिति को अपने कब्जे में ले लिया और खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनी इस समिति को अपनी निजी जागीर बना लिया। 1958 में बिलासपुर के कलेक्टर एसएन वर्मा इस समिति के अध्यक्ष थे और सचिव ए एल पांडे एसबीआर कॉलेज के प्रिंसिपल थे जॉइंट सेक्रेटरी एडवोकेट ओत्तलवार, जेपी श्रीवास्तव, गणेशराम आनंद मंत्री मध्य प्रदेश शासन, मथुरा प्रसाद दुबे मंत्री मध्य प्रदेश शासन, राजा नरेश चंद्र सिंह मंत्री मध्य प्रदेश शासन, नागेश्वर राव इसके सदस्य थे। समिति का पंजीयन ग्वालियर में हुआ था क्योंकि उसे समय रजिस्टर फॉर्म समिति का दफ्तर ग्वालियर में ही हुआ करता था। इसी समय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री गोविंद सिंह जी ने इस समिति को 2 लाख रूपए अनुदान दिया था। कल्पना करें आज के बाजार कीमत में यह रकम कितनी बड़ी मानी जाए । 77 के बाद इस सोसाइटी ने अवसरवादी नेताओं का घुसना प्रारंभ हुआ और शहर के नामदान कामदार ने मैदान के रख रखाव के नाम पर व्यवसायिक दुखने बनवाई और मूल आबंटनकर्ता जो की नेताओं के खास हुआ करते थे उन्होंने नगर निगम से बेहद सस्ते दामों में किरायेदारी ले कर उन्हें दूसरों को किराए पर दिया। आज भी यही खेल चल रहा है। नगर निगम को कुछ सौ रुपए मात्र मिलता हैं। और नेताओं के कृपा पात्र या स्वयं नेता इस दुकानों से लाखों रुपए महीना कमाते हैं। यह सब कुछ निगम के उन अधिकारियों के संरक्षण में होता है जो दीमक के समान निगम को चर रहे हैं। अभी 2 साल पूर्व ही स्टेडियम में करोड़ों की लागत से फ्लैटलाइट लगी पर सोसायटी को इसकी कोई जानकारी नहीं है।
बिलासपुर कलेक्टर इस सोसायटी के अध्यक्ष होते हैं और नगर निगम आयुक्त सचिव हमने 10 में 2022 को इस समिति के कागजों की संख्या 550 है की फोटो प्रकाशित की थी हमारे समाचार प्रकाशन के बाद तुरंत बिलासपुर के एक दैनिक अखबार में अपनी लीड स्टोरी बनाया और बाद में इसे छोड़ दिया निगम के अधिकारियों ने कांग्रेस नेता के एक दुकान खाली कराई वे कांग्रेस कार्यकाल में कुछ कांग्रेसी नेताओं की पत्नियों को जो नियम विरुद्ध तरीके से नौकरी मिली उसकी जांच क्यों नहीं करते.... आम नागरिकों के नौकरी पर डाका डालकर जिन लोगों ने नेताओं के रिश्तेदारों को नौकरी दी उन पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। फिजिकल कल्चर सोसायटी ने 30 साल से धारा 27 - 28 की जानकारी जमा नहीं दी उसे पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। इस सोसायटी के अंतर्गत निगम कई लोगों को नियम विरुद्ध तरीके से दैनिक वेतन भोगी के रूप में नौकरी दिया है उन्हें पूरा वेतन भी नहीं दिया जाता और नेता अपनी बांग्ला ड्यूटी करते हैं। निगम के मठाधीश अधिकारी इस पूरे भ्रष्टाचार में बराबर के भागीदार हैं।