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तब आदेश मानने में स्टेट बैंक को नहीं थी दिक्कत, अब हैं मोडानी परिवार के सदस्य तो एससी को रखते हैं थेंगे पर।

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बिलासपुर, 7 मार्च 2024।
याद करें 8 नवंबर 2016, 8:00 बज रहा था और सरकारी और बेहद सरकारी न्यूज़ चैनल भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी की नोटबंदी की घोषणा दिखा रहे थे। उनके बाद देश के किसी भी बैंकिंग समूह ने नहीं कहा कि यह काम नहीं कर पाएंगे, देश भक्ति से लोटपोट कई दिनों तक उसी काम पर लग रहे। कुछ ने तो अपनी तनख्वाह भी गवाई शायद यह उदाहरण बड़ा है, एक और उदाहरण छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना में लाभार्थियों के खाते को आधार से जोड़ना है। कलेक्टर ने डंडा चलाया छुट्टी के दिन बैंक खुलेगा और यह काम करना पड़ेगा। एक शाखा प्रबंधक ने चूह नहीं की, पर 15 फरवरी 2024 देश की सर्वोच्च की अदालत में एलेक्ट्रोलर बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित किया स्टेट बैंक को आदेश किया कि एलेक्ट्रोलर बॉन्ड का पूरा हिसाब किताब चुनाव आयोग को तीन हफ्ते में दे पर स्टेट बैंक के प्रबंधन जिसके मुखिया दिनेश खरा हैं, ने एससी के आदेश पर ऐसा मास्टर स्ट्रोक मारा की एससी घुटनों पर बैठ गया। कह दिया नहीं दे सकते 115 दिन दो लगता है सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्य बेंच का आदेश कलेक्टर के आदेश से भी हल्का है। यह लोकतांत्रिक भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी में सरकारी स्टेट बैंक नई हिम्मत है, इस हिमाकत भी कहा जा सकता है। दिनेश खरा को पहले 2 साल की सेवा वृद्धि मिली फिर अभी हाल ही में 10 महीने की मिली है। दो और प्रबंध निदेशकों को इसी तरह की दो-दो वर्ष की सेवा वृद्धि मिली हुई है। दिनेश खरा की वेतन वृद्धि 7.5% हुई है क्या इसे मोदी परिवार का अंग बने की मिठाई कहा जा सकता है।
स्टेट बैंक के पास बैंकिंग का 2000 वर्ष का अनुभव 48 करोड़ खाता धारक हैं। एक करोड़ खाता धारक तो नैनो ऐप से जुड़े हैं पर खरा देश के संविधान पर खड़े नहीं उतरे लगता है। 16000 करोड़ के चुनावी घोटाले में हुए भी लाभार्थी बन गए एससी को मास्टर स्ट्रोक से पराजित कर देने के बाद निश्चित ही उनका भविष्य और उज्जवल होगा। सीधे लोकसभा में नहीं उतरेंगे तो राज्यसभा है ही जब कभी भी एससी सरकार के तोतों से काम करने रहती है वह समय मांगने लगते हैं। सेबी, हिंडनवर्ग रिपोर्ट एक उदाहरण है। एलेक्ट्रोलर बॉन्ड का घोटाला हो सकता है आर्थिक आपातकाल का बहाना दिखाकर छुपाने की कोशिश की जा रही है। किसी भी सुनवाई के दौरान कहा जा सकता है साहब उद्योगपतियों के नाम खोल दिए तो देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। कौन निवेश करेगा, शेयर मार्केट क्रैश कर जाएगा, राफेल की सच्चाई, कीमत ऐसे ही उतार के देकर छुपाई गई। आज कांग्रेस स्टेट बैंक की हर शाख के बाहर प्रदर्शन कर रही है एप्लीकेशन को चाणक्य का ऐसा मास्टर स्ट्रोक मानते हैं जिससे एससी घुटने की बल बैठ गया है। दिख रहा है देश में लोकतंत्र का एक और खंभा मजाक का विषय बन गया क्रॉनिक पूंजीवाद जीत गया लोकतंत्र हार गया।