
24hnbc
जहां 23 लाख खाकर बंद हुआ था संकल्प अब खुल गया सुवाणी लूट का नया प्रयास
- By 24hnbc --
- Monday, 17 Jan, 2022
24hnbc.com
समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। या तो कथित समाजसेवी समाज कल्याण विभाग की आंख में धूल झोंक ते हैं अथवा अधिकारियों के साथ मिलीभगत से संस्थाएं चल रही है दो करणों के अलावा और कोई कारण नहीं हो सकता कि बिलासपुर के मिशन अस्पताल के पुराने आईसीयू में सुवाणी संस्था वृद्धाश्रम चला रही है इसी स्थान पर 1 वर्ष पूर्व संकल्प प्रशामक देखभाल केंद्र चलता था । संस्था को निराश्रित निधि से 23 लाख रुपए भी मिला था किंतु संस्था के पदाधिकारी वृद्धों को लावारिस छोड़ कर भागने की स्थिति पर थे तब संयुक्त संचालक समाज कल्याण ने वृद्धों को उचित स्थान पर भेज कर अपनी भूमिका निभाई थी तब मिशन अस्पताल के संचालक ने कहा था कि संस्था ने उसका किराया भी नहीं दिया जो कि लाखों में होता है। संकल्प सेवा संस्थान के पदाधिकारी समाज के जागरूक वर्ग चिकित्सा व्यवसाय से आते थे और उन्हें पैसों की कोई ऐसी कमी भी नहीं थी किंतु उन्होंने संस्था नहीं चलाई उल्टे शासन का 23 लाख रुपए दबा दिया । अब इसी स्थान पर सुवाणी नाम की संस्था ने वृद्धजनों के लिए आश्रम खोल लिया है । आश्चर्य है कि सुवाणी के पदाधिकारी पूर्व में पीतांबरापीठ जो अब ब्लैक लिस्टेड है के पदाधिकारी थे पीतांबरापीठ मंदबद्धि बच्चों की संस्था घरौंदा का संचालन 2016-17 में करती थी। और तीन करोड़ अनुदान एकमुश्त हजम कर कर संस्था को लावारिस स्थिति में छोड़कर गायब हो गई थी तब बिलासपुर के तत्कालीन एसडीएम नूतन कवर ने मंदबुद्धि लाभार्थियों को बचाते हुए एक अन्य संस्था को सौंपा था जिसके कारण दर्जनों मंदबुद्धि मौत के मुंह से बचे थे कुछ दिन तक पितांबरापीठ की जांच हुई किंतु संचालनालय में बैठे दो अधिकारियों के बलबूते घपला शांत हो गया की 3 करोड़ की यह राशि डूब गई । कहने वाले बताते हैं कि पदाधिकारी और संचालनालय के अधिकारी ने आधा आधा खाया । उसी राशि से बेनामी संपत्ति जीपीएम में क्रय कि अब वही पदाधिकारी सुवाणी के नाम से फिर से क्रियाशील है इस बार भी संदेश यह है कि सुवाणी को विभागीय मान्यता वर्ष 2006 से प्राप्त है ऐसे में यदि जांच नहीं हुई तो सुवाणी को फिर से अनुदान प्राप्त हो जाएगा एक तरफ सरकार ने वृद्ध लोगों का उत्तरदायित्व न उठाने वाले पुत्र पुत्रियों के खिलाफ न्यायालय में प्रकरण लगवाए हैं और उन्हें सम्मान पूर्वक जीने के लिए गुजारा भत्ता दिलाया है दूसरी तरफ सुवाणी जैसे धूर्त पदाधिकारी नाम मात्र वृद्धों को रखकर शासन से लाखों रुपए झटकने की फिराक में है।
हमने पीतांबरापीठ के गवन किए गए 3 करोड़ राशि के समस्त दस्तावेज समाज कल्याण विभाग से मांगे हैं प्राप्त होने पर कुल राशि 7 करोड़ के गवन का पर्दाफाश किया जाएगा जिसमें संचालनालय के दो वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल है।