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बधाई हम पत्रकारिता स्वतंत्रता की सूची में पाकिस्तान से बेहतर हैं, चीन से भी..... किंतु नेपाल हमसे बेहतर .....
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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। 16 नवंबर को सत्ताधारी नेताओं ने पत्रकारों को पत्रकार स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी हम उम्मीद करते हैं, भरोसा करते हैं कि बधाई देने वाले नेताओं को यह मालूम होगा कि पत्रकार स्वतंत्रता रैंकिंग में भारत का स्थान 142 पर है और यह सूची 180 देशों की है। हमारा देश 2016 में इस रैंकिंग पर 133 वें स्थान पर था अब हम 142 वें पर हैं हमारी रैंकिंग लगातार खराब देशों की श्रेणी की ओर अग्रसर है कोई और सूचकांक होता तो हम ताली बजाते किंतु इधर हम अपने करम ठोक रहे हैं । पिछले कुछ सालों में राजद्रोह, देशद्रोह, यूएपीए, राष्ट्रीय जन सुरक्षा कानून जैसे संगीन मामले लगाकर दर्जनों पत्रकारों को जेल की हवा खिलाई गई है। आर एस एफ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत देश में पत्रकारिता करना खतरनाक श्रेणी में आ चुका है यदि पत्रकार गणमान्य नागरिकों के पीआर का काम करता है तब तो उसका जीवन सुविधा पूर्ण और मजे से गुजर सकता है, लेकिन यदि वह समाचारों की सत्यता की खोज में है तो उसके जीवन पर संकट ही संकट है। हाल का एक उदाहरण ही काफी है जिसमें बिहार में चल रहे अवैध क्लिनिको पर कार्यवाही कराने के कारण एक पत्रकार को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा स्वतंत्र पत्रकारिता में पहला स्थान नार्वे का है जिन देशों को हम जानते हैं उनमें कनाडा 14वें नंबर पर है, ऑस्ट्रेलिया 25 नंबर पर है, 65 नंबर पर भूटान है, नेपाल की पत्रकारिता हमसे ज्यादा स्वतंत्र है यह 106 नंबर पर है, अरब कंट्री कतर 128 नंबर पर है, यहां तक कि मयमार 140 पर है , भारत 142 और अब हमारा विश्व गुरु का मस्तक गर्व से खिल उठता है । जब हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान 145 में नंबर पर है। इस मामले में हम अपनी 56 इंच की छाती को और फुला कर विजेता होने का शंख भूल सकते हैं और खुश हो जाएं कि कजाकिस्तान 162, इराक 163 , सऊदी अरेबिया 170, वियतनाम 175 और फिर हम यह भी कह सकते हैं कि जिस पड़ोसी देश चीन से हम निपट नहीं पा रहे हैं उसकी रैंकिंग तो 177 है, तो आइए हम गोदी मीडिया के चाटुकारिता व्यक्ति विशेष की पूजा रोज जन्म लेते भगवानों के बीच पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस के दिन अंग्रेजी के 1 शब्द को और कितना प्रेस करोगे की शुभकामना देते हैं।