
स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक को लगा चुना
नाम स्वर्णिमा काम जमीन चोरी बिल्डर दलबदलू नेता
- By 24hnbc --
- Thursday, 26 Aug, 2021
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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। आम आदमी अपने जीवन भर की कमाई एक ऐसी कॉलोनी में लगाना पसंद करता है जहां पर नगर एवं ग्राम निवेश का अप्रूवल हो नगर पालिक निगम में पंजीकृत हो और रेरा में भी वह पंजीकृत हो इन तीन बिंदुओं को देखकर वह सोचता है कि यह कॉलोनी निवेश या रहने के लिए ठीक है किंतु बिलासपुर शहर में यह तीनों मापदंड फेल हैं। यहां तो हर स्तर पर चोरों की बारात हैं स्वर्णिमा एरा ग्राम खमतराई पटवारी हल्का नंबर 25 में स्थित है और इस जमीन में खसरा नंबर 976, 978 के खतरों का कूट रचना के साथ इस तरह समावेश किया कि इन खतरों के मूल भूस्वामी श्रीमती शांता चंद्राकर, श्रीमती अनामिका, साहू मोहित राम साहू, योगेश शुक्ला, आशा शुक्ला, संगीता दीवान , सीडी दीवान, लक्ष्मी साहू, रविंद्र सिंह, भानु प्रताप सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह, जयशंकर मिश्रा, संध्या दुबे, अमरेंद्र कुमार सिंह, हरीश कोचर और सुशील मौर्य इन 16 नागरिकों के प्लॉट कॉलोनी के अंदर गुम गए उन 16 लोगों ने अलग-अलग और संयुक्त रूप से अपनी जमीनों का सीमांकन कराया अधिकारियों ने बड़े परेशानियों के बाद संयुक्त सीमांकन टीम तैयार की और इस टीम ने बड़े उठापटक के बाद इस आशय का सीमांकन प्रतिवेदन दिया कि 16 नागरिकों की जमीने बृजेश साहू की कॉलोनी स्वर्णिमा एरा में स्थित है क्योंकि यह कॉलोनी नगर पालिक निगम बिलासपुर के क्षेत्राधिकार में है इसलिए इस कॉलोनी के मॉर्गेज प्लॉट नगर पालिक निगम के आयुक्त के पास हैं अभी हाल ही में आयुक्त महोदय ने आदेश जारी कर उक्त कॉलोनी का विकास अनुज्ञा स्थगित कर दिया है किंतु सरकारी अधिकारियों ने भ्रष्ट बिल्डर के साथ पूरा याराना निभाया और अपने ही आदेश की कॉपी संपत्ति पंजीयक को नहीं प्रेषित की इस कारण कॉलोनी में धड़ल्ले से प्लाटों की बिक्री हो रही है और रजिस्ट्री भी हो रही है जिस कॉलोनी का विकास अनुज्ञा ही स्थगित है उसमें प्लॉट बेचना गैर कनूनी श्रेणी में आता है ऐसे में जिन 16 लोगों के लगभग 40000 स्क्वायर फीट की भूमि अंदर दब गई है । उनकी बिक्री भी हो जाएगी और बाद में वास्तविक भूस्वामी जाने किस किस स्तर पर न्यायलीन लड़ाई लड़ेगा ।
स्वर्णिमा एरा रेरा पंजीकृत कॉलोनी हैं ऐसे में इस प्रोजेक्ट को एसबीआई ने और एचडीएफसी ने हाथों हाथ लिया और प्रोजेक्ट को गोद ले लिया किंतु अब जब 16 लोगों की बेशकीमती भूमि कॉलोनी के अंदर ना केवल दब गई बल्कि षडयंत्र पूर्वक बेची भी जा रही है तब भूमि बिक जाने के बाद बिल्डर तो अपना पैसा खड़ा करके किनारे हो जाएगा और सार्वजनिक क्षेत्र का पैसा विवादित हो जाएगा यह षड्यंत्र बिलासपुर में आज से नहीं शुरु से हो रहा है विवादित जमीनों को बैंक के माध्यम से खरीदा बेचा जाता है और पूरा पैसा भू माफिया के हाथ चल देता है विवादित कॉलोनी स्वर्णिमा एरा में कॉलोनाइजर की नियत शुरू से ही कपट पूर्ण है। जो कॉलोनाइजर पिछले 30 सालों से अपने कॉलोनी का विक्री सीधे करता था उसने इस बार मार्केटिंग एजेंसी को ढाल बनाए हैं सृष्टि इंफ्राबिल्ड स्वर्णिमा एरा मार्केटिंग का काम करती है उक्त मार्केटिंग एजेंसी का इतिहास भी विवादों से भरा पड़ा है इनके यहां दो बार आयकर के छापे पड़ चुके हैं ये वही एजेंसी है जिसने वर्ष 2011-12 में रहंगी रोड पर अतुल्य बिहार की मार्केटिंग कि जब उस क्षेत्र में जमीनों का दाम 300 से 350 रुपए स्क्वायर फीट था तो इनने सब्जबाग दिखाकर 650 रुपए स्क्वायर फीट में बेचा आज मौके पर उन विशेषताओं में से एक भी उपलब्ध नहीं है जिन्हें बता बता कर प्लॉट बेचे गए सृष्टि इंफ्राबिल्ड के खिलाफ उपभोक्ता कोर्ट में दर्जनों मामले लंबित हैं जिनमें सर्विस में कमी पहला आरोप है। इस कंपनी के डायरेक्टर जब वास्तु लैंड नाम की कंपनी में नौकरी करते थे तब भी वास्तु लैंड के खिलाफ बिल्हा एसडीएम ने सीलिंग एक्ट की कार्यवाही कर छोटे प्लाट बेचना प्रतिबंधित करा दिया बाद में नागपुर स्थित वास्तु लैंड अपना दफ्तर बंद कर कर भाग गई और वास्तु लैंड के कर्मचारियों ने सृष्टि इंफ्राबिल्ड बना ली ।
