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विधायक पांडे के वक्तव्य पर आईजी ने लगाया मुहर

बिलासपुर जिले की पुलिस गुजर रही कठिन दौर से

24hnbc. Com
समाचार -
बिलासपुर। बिलासपुर जिले की पुलिसिंग के लिए यह एक कठिन दौर है, जब आईजी इस बात को लेकर अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से जाहिर करते हैं कि वह सब जानते हैं कि किस थाने में किसी टीआई ने जुआ, सट्टा, सूदखोरी और जमीन माफिया से कितनी सेटिंग की है। ऐसे में पुलिस बल का मनोबल टूट गया है। जिले की पुलिस या थाने का रेट लिस्ट क्या है इस बात को सबसे पहले बिलासपुर के विधायक ने ही एक ऐसे मंच पर कहा जिस मंच मे थाने के नए भवन का लोकार्पण हो रहा था। मीडिया को आदतन चटखारे वाली खबर हाथ लग गई थी, जबकि इस पूरी रेट लिस्ट में मीडिया खुद को पृथक न समझे आखिर पुलिस और मीडिया न्यायपालिका और कार्यपालिका सब इसी समाज के अंग हैं। कोई एक अंग अचानक सड़ना शुरू नहीं होता ऐसी ही एक विकट स्थिति भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में आई थी जब 12 मार्च के दिन बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने पुलिस में मेष मे आत्महत्या कर ली थी। तब का आईजी आज निलंबित आईपीएस है । कुछ ही दिन बाद बिलासपुर के आईजी का निधन हार्ट अटैक से हो गया था उस वक्त का दौर भी खासा कठिनाइयों वाला था। पुलिस के आरक्षक से लेकर अधिकारी वर्ग तक अजीब सा तनाव देखा जा सकता था। शराब, जुआ, सट्टा या अपराधी तत्वों से दोस्ताना माहौल पुलिस के लिए केवल बिलासपुर की समस्या नहीं यही माहौल पड़ोस के जांजगीर जिले में भी रहा कुछ दिन पूर्व तक वहां पदस्थ महिला पुलिस अधीक्षक के लेनलेन का कारोबार खासा चर्चा का विषय था। जानकार बताते हैं कि एक थाना क्षेत्र में तो तीन पाली का जुआ चलता था जिसमें से एक खड़खड़िया भी था और ऐसे थाने का महीने का आवक 30 के ऊपर बताया जाता था। लोग आश्चर्य से केवल सुनते थे आज प्रदेश के डीजीपी ने राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किया है और निर्देश के साथ उत्तरदायित्व भी तय किया है। असल में सुधार की गुंजाइश यहीं से प्रारंभ होती है लोकतंत्र में उत्तरदायित्व नागरिक से लेकर सरकारी अधिकारी तक को बंधन में बांधता है इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि लोकतंत्र में नागरिकों के प्रति उत्तरदायित्व तय होने की पहल यदि सही साबित हुई तो न केवल जिले के पुलिस बल का मनोबल बढ़ेगा बल्कि पूरे प्रदेश में पुलिस बल के प्रति आम नागरिकों में भी सम्मान का भाव आएगा।