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महिला बाल विकास विभाग की अजब गजब कहानी

कोलार का पाप ढो रही अरपा

24 HNBC  (बिलासपुर  ) 
बिलासपुर । कांग्रेस को यदि बिलासपुर जिले में अपने विधायकों की संख्या बढ़ानी है तो उसे जिले के कुछ महत्वपूर्ण विभागों में सफाई अभियान चलाना पड़ेगा और एक ऐसा ही विभाग है महिला एवं बाल विकास विभाग, बिलासपुर मे इस विभाग के प्रमुख पद पर जो व्यक्ति बैठा है वह असल में कोलार का पाप है जिसे अरपा ढो रही है। यहां पर ढोने शब्द पर ध्यान दें पाप धुल जाता तो अलग बात थी किंतु 22 साल से उसका ढोना अलग बात है। महिला बाल विकास विभाग को यह भ्रष्ट अधिकारी मध्य प्रदेश से कलंक के रूप में प्राप्त हुआ एक नहीं कई बार जांच हुई जांच के दस्तावेज अब पेज संख्या नहीं किलो के रूप में बदल चुके हैं। एक से अधिक नौकरी से निलंबित किए जाने की सिफारिशें हो चुकी हैं किंतु कांग्रेस की नपी तुली गलती बारंबार उजागर होती है अगर ऐसा नहीं होता तो 15 साल बाद छत्तीसगढ़ में दोबारा सत्ता में आते ही इस भ्रष्ट अधिकारी को बाहर का रास्ता दिखाया जाता किंतु ऐसा नहीं हुआ लोग यहां तक कहने लगे हैं कि इस अधिकारी को तो सीएम हाउस, स्पीकर हाउस या फिर राजभवन का आशीर्वाद प्राप्त है। वैसे स्थानीय स्तर पर सब जानते हैं कि इस भ्रष्ट अधिकारी को किस विधायक का संरक्षण प्राप्त है। अब गिनती करें उनके कार्यकाल के घोटालों की रेडी टू ईट प्रतिमाह 10%, संविदा नियुक्ति में प्रति पोस्टिंग 5 लाख, अनुदान स्वीकृति 30%, जांच दबाना 20%, निलंबित होने पर क्लीन चिट, वारदात अनुसार खरीदी में कमीशन 10%, के अतिरिक्त महिला संरक्षण केंद्र पर शोषण स्वयं पर छेड़खानी के आरोप के अतिरिक्त विभाग में हर तरीके का भ्रष्टाचार और उसे संरक्षण देना यहां तक की विभाग से संचालित होने वाले प्रशिक्षण सत्रों के लिए भी घूस एवं कमीशन के आरोप सामान्य हैं। जब कभी भी विभाग के बाहर आंगनबाड़ी सहायिकाएं एकत्र होती है तो उनके बीच चर्चा का मुख्य बिंदु यही होता है कि अधिकारी को कितना कमीशन देना है और अब की बार ज्यादा मांगने पर किस तरह सामूहिक रूप से इनकार करना है।