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शिक्षा से ज्ञान नहीं शिक्षा में टर्नओवर होता है

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बिलासपुर, 22 मई 2025।
पहले अच्छे स्कूल में एडमिशन के लिए सर्च अभियान और फिर नीट, जेईई, के लिए कोचिंग वह दिन दूर नहीं जब कोचिंग के समान ही स्कूल भी अपना शिक्षण शुल्क की सूची विज्ञापन पर दे देगा। तब पता चलेगा कि निजी क्षेत्र के स्कूल में एक बच्चे का प्रवेश पालक को प्रति माह कि दर से कितनी बड़ी जिम्मेदारी को वहन कराता है। हजारों रुपए हर माह देने के बाद भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए फी अलग-अलग शहर के व्यवस्तम चौराहे मे से एक से एक कोचिंग संस्था की फीस लिखी हुई है। यह जो भी संस्था है ने हिम्मत दिखाई और फीस लिख दी, कारण यही होगा कि इनकी फीस अन्य कोचिंग संस्थाओं की शुल्क से कम होगी इसे ही आधार बनाए तो प्रश्न उठता है नौवीं कक्षा को पढ़ाने की छुट नियम नहीं देते।
दूसरा 11वीं नीट फीस 75999 फाइनल फीस 55999 मोटे तौर पर इसे 76000 और 56000 समझे तो फी और फाइनल फी के बीच 20000 का अंतर क्यों आ सकता है। गहराई से अलग-अलग कोचिंग के मार्केटिंग बदों से चर्चा करने के बाद पता चला कि कोचिंग बाद में पहला काम मार्केटिंग और मार्केटिंग स्ट्रेटजी कुछ ने तो यहां तक माना यदि एक सीट पर अपना बच्चा पढ़ये और अपना प्रभाव इस्तेमाल कर दो मुर्गे और दे दे तो अपने बच्चे की फीस आधी पर ला सकते हैं। तो क्या 4 छात्र का प्रवेश कराकर अपना बच्चा निःशुल्क कराया जा सकता है। कोचिंग में प्रवेश के पहले मार्केटिंग को खूब समझ लें जब तक प्रबंधन को पैसा लेना है नियमित बात-चीत होगी यदि एक बार में पूरा पैसा दे दिया तो आप की उपयोगिता ही खत्म है फिर कोचिंग का स्टॉप आपको नमस्ते नहीं करेगा।