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जिस मुद्दे को लेकर भाजपा ने जीता पहला चुनाव, उसी को गई भूल, रमन यूनिवर्सिटी की धांधली

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बिलासपुर, 1 अक्टूबर 2024, 
2001 छत्तीसगढ़ में अजित जोगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद, भारतीय जनता पार्टी ने पहले विधानसभा चुनाव के पूर्व जो आरोप पत्र जारी किया इसका मुख्य विषय पैसा दो डिग्री लो और निजी क्षेत्र में दर्जनों खुल गई यूनिवर्सिटी थे। 
कांग्रेस चुनाव हार गई भारतीय जनता पार्टी ने डॉक्टर रमन सिंह के नेतृत्व में 15 साल शासन किया। पूरे छत्तीसगढ़ का क्या कहें, चावल की हंडी में से एक दाना बिलासपुर उठा लेते हैं। किस विषय की कौन सी डिग्री चाहिए पैसा दो डिग्री लो और इस काम को करने के लिए बिलासपुर का एक नहीं एक से ज्यादा निजी विश्वविद्यालय तैयार हैं। ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, बी फार्मा, डी फार्मा, पीएचडी भी उपलब्ध है। निजी विश्वविद्यालय से पास होकर कितने युवक-युवती पीएससी या संघ लोकसेवा आयोग में चुने गए....? इसकी ब्रांडिंग कभी नहीं होती, पर कितने प्रशासनिक अधिकारियों ने या उनकी पत्नियों ने ऐसे निजी विश्वविद्यालय से पीएचडी कर ली इसका पता जरूर चलता है। 
आज हम केवल पत्रकारिता संकाय में की जाने वाली पढ़ाई बीजेएमसी की बात करते हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय के अलावा कोटा स्थित सीवी रमन में इस डिग्री की पढ़ाई की जा सकती है। प्राप्त जानकारी के आधार पर स्पष्ट है कि इन दिनों इसकी परीक्षा चल रही है। परीक्षा देने वाले छात्रों को पूर्व से कोई निश्चित टाइम टेबल नहीं दिया गया है। कहते हैं सबको एक दिन पहले मोबाइल पर मैसेज आ जाता है। हमारे कुछ परिचित भी इस परीक्षा को दे रहे हैं। जब उनका पेपर चलता रहता है उस वक्त भी उन्हें मोबाइल पर संपर्क किया जा सकता है। वे बाकायदा फोन उठा लेते हैं और बातचीत भी कर लेते हैं ऐसी सर्व सुविधा युक्त परीक्षा हमने इसके पूर्व नहीं देखी। आमतौर पर बीजेएमसी की पढ़ाई वे लोग अधिक करते हैं जो पत्रकारिता पेशे में होते हैं। यदि रमन विश्वविद्यालय में चल रही बीजेएमसी की पढ़ाई स्तरीय है तो बिलासपुर का 15 वर्ष का पत्रकारिता का समकालीन स्तर श्रेष्ठ क्यों नहीं हो रहा....? हमने इस संदर्भ में निजी विश्वविद्यालय के जन संपर्क अधिकारी से बातचीत करने की कोशिश की उन्होंने गोल-मोल जवाब दिया। उन्होंने कहा सक्षम और जिम्मेदार व्यक्ति से बात करके टिप्पणी उपलब्ध कराऊंगा। वर्तमान रजिस्टर को भी जब इस संदर्भ में संपर्क किया गया तो उन्होंने व्यवस्ता का हवाला दिया। रमन यूनिवर्सिटी की अनियमितताओं के संदर्भ में विभिन्न स्तर पर बहुत सारे शिकायतें हैं पर कभी भी कोई शिकायत अपने परिणाम तक नहीं पहुंची। परिणाम सदा किसी को दोषी सिद्ध करने का नहीं होता उन्हें क्लीन चिट भी मिल सकती है। पर ऐसा भी कभी नहीं हुआ। 
इवेंट मैनेजमेंट के दम पर, के साथ ही पत्रकारिता के हर विधा में विज्ञापनों के मार्फत खबर का गला घोटना ही बाजारवाद की वास्तविकता है।