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स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार जिले मे अवैध पैथोलैब का कारोबार चरम पर

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बलौदाबाजार, 16 अगस्त 2024। समाचार संकलन जिला प्रतिनिधि 
स्वास्थ्य विभाग के अनदेखी के चलते जिलेभर में सैकड़ो अवैध पैथोलॉजी लैब संचालित हो रही है। इसकी जानकारी अधिकारीयों कों भी है परन्तु कमीशनखोरी व साठगांठ के चलते अंजान बने हुए है। बताते चले की 
जिले में पैथोलॉजी लैब के संचालन को लेकर आवश्यक मापदंड का पालन हो रहा है या नहीं, इसका समय-समय पर परीक्षण नहीं होने के कारण कई लोग बिना तकनीशियन के ही इस तरह के लैब का संचालन कर रहे हैं। पैथोलैब की फ्रेंचाइजी (कलेक्शन सेंटर) हासिल कर लेने के बाद कई जगह तो पैरामेडिकल स्टाफ के सहारे काम चलाया जा रहा है जबकि नियमत: एमबीबीएस, एमडी पैथोलॉजिस्ट के द्वारा ही पैथोलॉजी लैब का संचालन किया जा सकता है।जिले के सभी ब्लॉको मे अवैध संचालन का मामला सामने आया है जहां आश्चर्यजनक तरीके से एक एमबीबीएस, डीसीपी (पैथोलॉजिस्ट) की दो जगह पर उपस्थिति एक ही समय में दर्शित हो रही है। पैथोलॉजी लैब के स्थानीय संचालक के द्वारा यह सब किया जा रहा है यहां कई डायग्नोस्टिक सेंटर के द्वारा उनके नाम व हस्ताक्षर युक्त रिपोर्ट लगभग 2 घंटे के भीतर जांच होकर मिल जाती है जो आश्चर्यजनक है। कुल मिला कर कहीं न कहीं कलेक्शन सेंटर में बिना तकनीशियन के ही सैंपल की जांच हो रही है।इसी तरह जिले के क्षेत्रो में पैथोलॉजी लैब का भी संचालन बिना अनुमति के हो रहा है
 नर्सिंग होम एक्ट का हो रहा उल्लंघन
 नर्सिंग होम एक्ट के तहत नियमानुसार अनुज्ञा प्राप्त करने के लिए शासकीय प्रक्रिया जैसे पर्यावरण एनओसी, फायर डिटेक्टर अनिवार्य होना चाहिए साथ ही साथ फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट का होना आवश्यक है किन्तु जिले मे धड़ल्ले से चल रहे अवैध लैब पर इनका कागजी प्रक्रियाओ का कोई फर्क नहीं पड़ता है । कायदे क़ानून का धज्जियाँ उडाने मे अवैध संचालनकर्ता और विभागीय अमला कोई कसर नहीं छोड़ रहे है जिले मे काफ़ी समय से अवैध लैब पर कार्यवाही नहीं होना विभाग के संरक्षण को दर्शाता है।
जिले मे कलेक्शन सेंटर का खेल जोरो पर
जिला बलौदाबाजार भाटापारा मे जांच के नामपर अवैध रूप से कलेक्शन सेंटर संचालित हो रही है सूत्र बताते है कि अवैध रूप से संचालित हो रहे कलेक्शन सेंटर मे ब्लॉक के अधिकारीयों का संरक्षण प्राप्त है बतौर संरक्षण के लिए संरक्षणकारियो महीने दर महीने मानदेय दिया जाता है जिले भर मे जांच के नाम पर लूट का रेट लिस्ट बना रखे है जिला मे यह भी बात सामने आ रहे है कि बिना किसी जांच के छोटे से लेकर बड़े डॉक्टर मरीज को हाथ तक नहीं लगाते मतलब साफ है अप्रत्यक्ष रूप से डॉक्टर ही जांच के लिए बोलते है ये सब जिले स्तर के उच्च अधिकारीयों के सह मे होता है यह अंदाजा लगाना कही गलत नहीं होगा क्योंकि स्वास्थ्य विभाग बता दे अभी तक पूर्व वर्षो मे कब कार्यवाही की है।
 शिकायत प्राप्त होने पर उचित कार्यवाही की जाएगी। लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी तरह का समझौता नहीं होने देंगे।श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन।
राघवेन्द्र सिंह