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ईद के तुरंत बाद कांग्रेस का बड़ा आंदोलन

अब छोटे जोगी भी कूदे बलौदाबाजार में

24hnbc.com
बिलासपुर, 16 जून 2024। 
बलौदाबाजार भाटापारा जिले में कलेक्ट्रेट जलने के बाद अब नेतागण सतनामी समाज के इतिहास को अपने राजनीतिक बयानों का आधार बना रहे हैं। पहला उदाहरण अमित जोगी का है अपनी विधायकी माता जी की विधायकी और पार्टी की विदाई कर देने के बाद उन्हें अचानक आमरण अनशन की याद आ गई। हालांकि उन्होंने इसकी शुरुआत की तारीख और अपने घोषणा के बीच पर्याप्त दूरी रखी है। राजनीतिक रूप से अमित जोगी अपनी किसी भी घोषणा पर खरे नहीं उतरे, विधानसभा चुनाव के पूर्व उन्होंने पदयात्रा का लंबा प्लान बनाया था पर कुछ दर्जन किलोमीटर चलने के बाद घर बैठ गए। शायद भारतीय जनता पार्टी कोई बीच का रास्ता उनके साथ निकल भी ले क्योंकि अमित जोगी छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के लिए ही काम करते हैं। 
दूसरी और विपक्षी दल कांग्रेस ने ईद के तुरंत बाद 18 तारीख को हर जिला मुख्यालय पर धरना आयोजित किया है और उन्होंने धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए जिले में प्रभारी भी तय कर दिए हैं। राज्य में सतनामी समाज का इतना बड़ा वोट बैंक है कि उसे नाराज कर लेना किसी भी राजनीतिक दल के लिए संभव नहीं है। कांग्रेस की सत्ता चली जाने के पीछे सतनामी समाज की नाराजगी भी एक कारण है। भूपेश बघेल और कांग्रेस के अन्य नेता अब खुलकर पूरे कांड के पीछे भारतीय जनता पार्टी की भूमिका पर बोल रहे हैं। 
महाराष्ट्र के एक ऐसे शहर से युवाओं को लाया गया जो आरएसएस का मुख्यालय है का नाम भी कांग्रेसी नेता खुले रूप में ले रहे हैं। कुल मिलाकर बलौदाबाजार भाटापारा अग्निकांड पर राजनीति आसानी से ठंडी नहीं होने वाली।