No icon

शशांक दुबे

प्रगतिशील सतनामी समाज की रैली से राजनैतिक समीकरण बदलने के संकेत रूद्र गुरु के हाथ में है ध्वज

प्रगतिशील सतनामी समाज की सत्यनाम संदेश यात्रा जैसे-जैसे आगे बड़ी राजनीतिक गलियारों में हवाएं गर्म होने लगी। असल में छत्तीसगढ़ राज्य में सत्ता का पूरा गणित एससी सीटों के ऊपर निर्भर करता है। छत्तीसगढ़़ के कुल विधानसभा सीटोंं में 39 सीट एससी और एसटी के लिए आरक्षित हैं, 10 सीट एससी के लिए और 29 सीट एसटी के लिए 51 सामान्य मेंं से 11 पर एससी का प्रभाव ज्यादा है उसके बाद उसके बाद भी राजनैैतिक नेतृत्व कमजोर है और ओबीसी जो कुल जनसंख्या में 27% है का नेतृत्व मजबूत है । छत्तीसगढ़ मेंं एससी समुदाय में सतनामी संप्रदाय सबसेेेे अधिक मुखर होकर आगेे बड़ा राज्य मेंं भाजपा के पास इस वर्ग के मझे नेता हैं। जबकि किसी मुद्दे पर कांग्रेस कमजोर पढ़ती है 2018 में सत्ता में आनेेे के बाद कांग्रेस ने जीते हुए एमएलए में से 2 एससी को कैबिनेट मंत्री बनाया । जानकार बताते हैं कि सतनामी समाज में तीन तरह का नेतृत्व चल रहा है। एक गुरु परंपरा, दूसरा परंपरागत राजनीति और तीसरा प्रगतिशील सतनामी समाज और इसी वर्ग का नेतृत्वव करते हुए रूद्र गुरु ने रैली निकाली है। ऐसा माना जाता है कांग्रेस में एससी वोटरों को लुभाने के लिए अपने पक्ष में रखने के लिए यह संदेश यात्रा निकाली गई है। 2001 के बाद सतनामी समाज का नेतृत्व एक तरह से अजीत जोगी के पास था जो कि स्वयं एसटी वर्ग का नेता बनते थे । बीजेपी ने इस समीकरण को नए सिरे से बदला और एससी वोटरों को खींच कर ले गए फिर भी नेतृत्व ठाकुर वर्ग को दिया और मंत्रिमंडल में वैश्य समूह मजबूत बना वोट हमारा राज तुम्हारा की बात को एससी समुदाय समझनेे लगा है। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने शिव डेहरिया को इस वर्ग का नेता बना कर रखा है यह वही मंत्री है जो एक समय पर अजीत जोगी के खास थे इसी कारण एससी वर्ग के उन नेताओं की उपेक्षा हो रही है। जो कांग्रेस का समर्थन करते हैं और पार्टी को नेता सेेेेे अधिक वजन देतेे हैं रूद्र गुरु ने प्रगतिशील सतनामी समाज की जनयात्रा निकाल कर राजनैतिक रूूूूूूूप से यह संदेश दे दिया कि प्रदेश का वर्तमान नेतृत्व उन्हेंं स्वीकार नहीं, और यह संदेश केवल रूद्र गुरु का नहीं पूरेे प्रगतिशील संगठन का है, आम जनता का भी यह मानना है कि राजकोष केेे बजट में कई गुना बढ़ोतरी हुई है पर एससी संप्रदाय अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सका याा यूं कहेे कि उन्हें खड़ा नहींं किया महानदी क्षेत्र से हजारों ऐसी परिवार पलायन करके महानगरों को जाते हैं और छत्तीसगढ़़ में उन लोगों का खजाना भर रहा है जो संख्या में बेहद कम है