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shashank dubey

नगर विधायक शैलेष का कथन कुकर की पहली सीटी

 

बिलासपुर। शहर विधायक ने एक थाने के उद्घाटन अवसर पर जो कुछ कहा उसे कुकर की पहली सीटी समझना चाहिए। जिस तरह अच्छी गृहणी समझ जाती है कि कब खाना पक गया और अब कुकर को हटा लेना चाहिए उसी तरह बिलासपुर के विधायक शैलेष पांडेय ने जिले की पुलिस व्यवसथा को लेकर जो सच्चाई उजागर की है उसपर एचएम और सीएम को भी आगे के लिए तैयार रहना चाहिए। बहुत साल पूर्व बिलासपुर लोकसभा के सांसद स्व. दिलीप सिंह जुदैव ने प्रशासनिक आंतकवाद कह कर डाॅ. रमन के सामने कुकर की पहली सीटी बजा दी थी। किन्तु डाॅ. रमन ने ना तो कुकर की ओर ध्यान दिया ना लगातार बजने वाली सीटी की ओर, परिणाम सबको पता है। कांग्रेस के सत्ता संभालने के बाद विभिन्न मंत्रियों को जो विभाग मिले थे। वही अब भी है, तब प्रदेश के गृह मंत्री जिनके पास पीडब्ल्यू डी भी है। समिक्षा बैठक के लिए बिलासपुर आए और मंथन के बैठक में उनके साथ नगर विधायक भी थे। तब मंत्री महोदय ने अपने दोनो विभाग के अधिकारियों को उन्हें क्या पसंद नही  है बताया था और यह भी कहा था कि अभी तो मैं सब सह रहा हुु किन्तु यह क्रम आगे नही चलेगा। किन्तु मंत्री की सदिच्छा को विभागीय अधिकारियों ने कितना समझा यह तो कुकर की पहली सीटी से पता चलता है। बिलासपुर जहां राज्य का उच्च न्यायलय भी है कि पुलिसिंग की स्थिति के बारे में यदि विधायक को थाने की रेट लिस्ट उजागर करनी पड़े तब राज्य के अन्य जिलो की स्थिति को समझा जा सकता है। पिछले एक माह में बिलासपुर जिले की पुलिस व्यवस्था पर तीन बड़े सवाल उठे। पहला एचएम की पीसी में, दुसरा नवरात्री के दुर्गा विर्सजन के दौरान हुई घटना के संबंध में प्राईम टाईम पर और तीसरा एक निलम्बित आईपीएस के विरूद्ध दाखिल हुई एफआईआर के कुछ विशेष दस्तावेज गायब होने पर, इन सब से ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने जिस घोषणा पत्र पर आम नागरिकों से वोट मांगा था, और उसे मिला था, उसे ना तो मंत्री गंभीरता से ले रहे है और जब मंत्री अपने ही घोषणा पत्र को फौलो नहीं कर रहे है तो नौकर शाही को क्या पड़ी की पार्टी का घोषणा पत्र लागू होगा। शैलेष पांडेय ने थाने की रेट लिस्ट की बात कही तब उस कार्यक्रम में शहर के महापौर कांग्रेस की एक निर्वार्चित विधायक और पार्टी के पदाधिकारी भी थे। विधायक से ज्यादा पुलिस की कार्यप्रणाली को कौन समझेगा। क्योंकि कोविडकाल में लाॅकडाउन के दौरान जब विधायक जरूरतमंद नागरिकों को राशन दे रहा था तब इसी शहर के एक थाने ने विधायक के खिलाफ एफआईआर हो गई थी। अब मंत्रियों को यह देखना है कि कुकर की पहली सीटी के बाद नौकर शाही को कैसे जन उत्तरदायी बनाया जाए। अन्यथा तीन सीटी के बाद जनता के पास इव्हीएम की बटन का विकल्प ही बचता है।