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सवाल केवल मुरम चोरी का नहीं, ग्रामीण सामाजिक मूल्य भी तोड़ रहा दम

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बिलासपुर, 26 जून 2025। 
       मस्तूरी ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत भनेसर अवैध काम करने वालो के लिए पसंदीदा क्षेत्र बन गया है। पहले शासकीय जमीन से मुरम खोद लो, मनमर्जी बेच दो फिर राखड़ लाकर उस गड्ढे को पाट दो इतने पर भी मन ना भरे तो शासकीय जमीन पर कब्जा करके रोजगार भी लगा लो। इस क्षेत्र में कई ऐसे पक्के मकान हैं जिनका निर्माण पिछले दो वर्षों में हुआ है और मकान शासकीय जमीन पर बनाया गया है। 
जयराम नगर, भनेसर ग्राम पंचायत सहित क्षेत्र की कुछ और ग्राम पंचायतें औद्योगिक प्लांट से लगी हुई है। इसी क्षेत्र में क्रेशर और कोलवासरी भी है। लिहाजा सर्वहारा वर्ग भले ही वह स्थानीय हो बाहरी इन ग्राम पंचायतों में जरायम धंधे वाले, अवैध कबाड़ वाले, नशा के कारोबारी ने अपने-अपने प्रभाव-क्षेत्र बना लिए। कुछ को छोटा-मोटा रजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त होने लगा है। इन्हीं में से कुछ ने स्वयं को प्लांट से जोड़कर लेबर ठेकेदारी शुरू कर दी। आश्चर्य की बात यह है कि ऐसे लेबल ठेकेदार श्रम विभाग में पंजीयन नहीं कराते क्योंकि 10 से कम लेबर रखने पर पंजीयन की आवश्यकता नहीं होती पर उनके ठाट-बाट और साधन संपन्नता साफ बताती है कि इनके पास लेबर ठेकेदारी 10 में 10 का गुणा करने लायक है। यह भी पता चलता है कि प्लांट में कम पाने का कमीशन मोटा है। कमीशन दो जगह से वसूला जाता है प्लांट का एचआर सेक्शन लेबर ठकेदार को अलग भुगतान करता है और जिसे काम मिलता है वह अपने ठेकेदार को कमीशन अलग से देता है। कमीशन न देने पर प्लांट से कभी भी बेदखली हो सकती है। जब से श्रम कानून बदले मानव श्रम की स्थिति दैनिय है और यह लेबर ठेकेदार के गुलाम है। यही कारण है कि भनेसर, जयराम नगर, भडा और प्लांट, खदान, कोलवासरी, कोलडिपो से लगी हुई ग्राम पंचायत में एक तरफ कानून व्यवस्था खराब हो रही है, दूसरी ओर समाजिक वर्जिनये दमतोड़ रही है।