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सेक्स स्कैंडल का एक मामला नामदार कामदार सब परेशान, 60 दिन बीतने के बाद भी सब आरोपी अब तक नहीं हुए गिरफ्तार

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बलौदाबाजार , 29 मई 2024। ( बलौदाबाजार प्रतिनिधि)
बलौदाबाजार के सेक्स स्कैंडल ने जिले की राजनीति ही नहीं आसपास के क्षेत्रों में भी बेचैनी पैदा कर दी है। यह बेचैनी समाज के जिन वर्ग के बीच है उन्हें सब उच्च श्रेणी में रखा जाता है। नेता, पुलिस, प्रेस ये तीनों इस कहानी के चक्कर में उलझे हुए हैं। चार आरोपी न्यायिक हिरासत में है जिसमें दो पुरुष, दो महिला हैं और चार आरोपी फरार है। एफआईआर दिनांक 30 मार्च 2024 का है। तब आचार संहिता लग चुकी थी, चार गिरफ्तारी के बाद जांच की कार्यवाही जैसे-जैसे चुनाव का प्रचार बढ़ा वैसे-वैसे शिथिल होती गई। बताया जाता है कि मार्च महीने में ही एक हत्या के मामले के पत्रकार वार्ता के दौरान एक दैनिक अखबार के प्रतिनिधि ने पुलिस अधीक्षक से जिले में चल रहे सेक्स रैकेट के बारे में प्रश्न किया और यह भी कहा कि इस मामले में पुलिस, पत्रकार, अधिवक्ता और नेता सब लपेटे में है। पुलिस अधीक्षक ने प्रकरण की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया और यह भी कहा कि पत्रकार अपना देख ले हम किसी को बक्सेंगे नहीं.....
आनन-फानन में बलौदाबाजार जिले के प्रेस क्लब की बैठक आहूत हुई पदाधिकारी ने दो सदस्यों को क्लब से बाहर भी निकाल दिया और संबंधित जानकारी पत्र लिखकर स्वयं मिलकर कलेक्टर को भी दिया इस पत्र की कॉपी उपलब्ध है। पुलिस ने एक वकील महान मिश्रा को गिरफ्तार किया जो अभी भी न्यायिक हिरासत में है इस दौरान जानकारी प्राप्त करने थाना पहुंचा शीरीस पांडे जो पूर्व विधायक विधायक प्रतिनिधि भी हुआ करता था फरार है। आश्चर्यजनक बात है कि इस पूरे स्कैंडल में जिन लोगों से आरोपियों ने पैसा वसूल है उनमें से एक व्यक्ति भी शिकायतकर्ता नहीं बना, इस संदर्भ में पुलिस का कहना है कि यदि अभी बन भी जाते तो कोर्ट में जाकर होस्टाईल हो जाते हैं। 
फरार 4 लोगों की गिरफ्तारी के संबंध में कोतवाली टीआई कहते हैं प्रयास जारी है जल्द ही गिरफ्तारी होगी। एक फरार आरोपी का अग्रिम जमानत याचिका जिला सत्र न्यायालय से खारिज भी हो चुका है। दो न्यायिक हिरासत में गई महिलाओं में से एक का संबंध बिलासपुर के दगोरी, विकासखंड बिल्हा से है इस पूरे सेक्स स्कैंडल में बलौदाबाजार में संचालित लांज उन में चल रही गैर कानूनी गतिविधियां पत्रकारिता की आड़ में भयादोहन, अपराधियों से पुलिस की साठगांठ सब कुछ को उजागर किया। बलौदाबाजार जिला के प्रेस क्लब के बारे में भी एक रोचक जानकारी है यह संस्था अभी तक पंजीकृत नहीं है पर इन्हें राज्य सरकार से लाखों का अनुदान मिला है। आखिर सरकार मीडिया को गोद में बैठालने इतनी सक्रिय क्यों होती है।