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फरवरी 28 की पड़ गई अब भारी, नौकरशाह और नेता का नापाक गठबंधन
- By 24hnbc --
- Friday, 02 Dec, 2022
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बिलासपुर -
बिलासपुर, 3 दिसंबर 2022। काश उन्होंने शादी के बाद सरनेम बदला होता तो आज सौम्या मोदी शायद जेल जाने से बच जाती, कम लोगों को ही पता है कि सौम्या चौरसिया के पति का नाम सौरभ मोदी है। असल में छत्तीसगढ़ के करप्ट ब्यूरोक्रेसी की शानदार नमूना है सौम्या चौरसिया पीएससी से 2008 में छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा में आई और इनके भिलाई स्थित आवास पर पहला छापा 28 फरवरी 2020 को पड़ गया । 28 फरवरी का चार से बड़ा नाता है कहते हैं फरवरी 28 की चौथे सन 29 इसलिए मैडम चौरसिया के यहां एक दो बार नहीं चार बार छापा पड़ चुका है उन्हें किसी को इंतजार कराना खूब आता है सो पहली बार 28 फरवरी 2020 को जब छापा पड़ा तो एक-दो घंटे नहीं आईटी की टीम ने मैडम का इंतजार 30 घंटे किया पर सौम्या या सौरभ नहीं आए। इसी रोज एक अन्य भ्रष्ट अधिकारी आबकारी के ओएसडी अरुण पति त्रिपाठी के यहां भी छापा पड़ा था। इस छापे को आम जनता कोयले की अवैध कमाई के कारण भूल गई है। असल में 16 महीने में 500 करोड़ कमाने की कहानी 2023 में इतनी चर्चित हुई कि जनता ठकुराइन टोला के 28 प्लॉट जो सौम्या चौरसिया की सास और मां शांति आशा मणि के नाम पर है को भूल ही गई जो सांपों की कहानी का प्रारंभ है। 28 फरवरी 2020 को पहला छापा, 30 जून 2022 को दूसरा, और 11 अक्टूबर 2023 को तीसरा । कुल मिलाकर देश की भ्रष्ट व्यवस्था ने मैडम चौरसिया मोदी को संभलने की खूब मौके दिए और इतने सब मौके इन डायरेक्ट छत्तीसगढ़ के सीएम को भी दी पर किसी के कान पर जूं नहीं रेंगती। याद करें आबकारी के महा भ्रष्ट समुंद्र सिंह अभी भी जेल में है पर इस भ्रष्ट नेता गिरी ने तो कभी सच्चाई की राह पकड़ी ही नहीं। खुद डूबेंगे तुम्हें भी ले डूबेंगे नेता और अफसर का अब यही नारा है छत्तीसगढ़ में. ....। 28 फरवरी के छापे के बाद चौरसिया के ड्राइवर पन्नालाल ने जो सनसनीखेज बात कही वह पूरे मामले का सच उजागर करती है मैडम के घर से पांच बैग सीएम हाउस पहुंचाएगा और उसी बयान के बाद से यह तय था कि ब्यूरोक्रेसी कि इस भ्रष्ट अधिकारी और सीएम हाउस के बीच जो गठजोड़ है उसमें ब्रीफकेस की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।