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एसओआर से ब्लो की ठेकेदारी और भरोसा रीवाइज बिल का

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी ठेकेदारों में इन दिनों निर्माण सामग्री की कीमतों में लगातार वृद्धि से असमंजस पहले जिला स्तर पर ठेकेदारों की बैठक हुई और तय हुआ कि राजधानी में बैठक होगी और सरकारी काम ठप कर दिए जाएंगे । राजधानी में बैठक हुई और खबर निकल कर आई की भूपेश हैं तो भरोसा है कोई ना कोई हल निकल आएगा काम ठप नहीं करेंगे साधारण पाठक भले ही न समझे किंतु ऐसे सरकारी विभाग जहां पर ठेकेदारी व्यवस्था चलती है उस धंधे से परिचित हर व्यक्ति यह जानता है कि पूरे प्रदेश में एसओआर रेट से ब्लो में
ठेके लिए जाते हैं और कई जगह तो ब्लो इतना जाता है कि सुनकर आम आदमी हैरान हो जाता है पर ऐसा आम है। अब समझे एसओआर जो छत्तीसगढ़ में 2009 से प्रारंभ है यह बात बताने की जरूरत ही नहीं है कि 2009 में भारतीय जनता पार्टी का कौन सा कद्दावर नेता पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर था। उन्हीं के कार्यकाल में एसओआर रेट से ब्लो में ठेका देकर रिवाइज स्टिमेट और बिल का खेल प्रारंभ हुआ । बिलासपुर में इस तरह के बिल और ठेकों की दर्जनों कहानियां हैं इस खेल की आड़ में सरकारी खजाने को खूब क्षति पहुंचाई गई और यह खेल अभी तक जारी है इस काम में एक बार में कोई काम पूर्ण होता ही नहीं है इसका सबसे बड़ा उदाहरण बिलासपुर का सर्किट हाउस है। रीवाइज बिल का खेल हुआ सीएम के हाथों लोकार्पण के बाद भी शानदार 1 साल हो जाने के बाद अभी भी सर्किट हाउस के नवीन भवन में काम अधूरा है इसी कारण ठेकेदार कहते हैं हमें तो व्यवस्था पर भरोसा है और बाहर आकर पत्तरकार लिख देते हैं भूपेश है तो भरोसा है।