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इस अधिकारी के पीछे नेता नहीं, सामान प्रदाय करने वाले व्यापारी हैं

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। बिलासपुर जिले में कभी भी किसी का भी तबादला हो सकता है भले ही उसे पद पर कार्य करते कुछ ही महीने हुए हो किंतु हम यहां कुछ ही महीने काम करके तबादला प्राप्त करने वाले बेहद सुलझे हुए पुलिस अधीक्षक दीपक झा जी की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि हम उस अधिकारी की बात कर रहे हैं जो एक दशक से भी ज्यादा महिला एवं बाल विकास विभाग का जिला कार्यक्रम अधिकारी रहा जिस के तबादले के लिए 1-2 नहीं दर्जनभर शिकायतें थी और कहा जाता है कि ऐसे अधिकारी के तबादले के लिए हस्तलिखित नोट सीट तैयार की गई ताकि नोट सीट तैयार होने के पूर्व अधिकारी के हित चिंतकों को पता ना चले ऐसा माना जा रहा था यदि हित चिंतकों को पता चल गया तो वह तबादला होने ही नहीं देंगे व्यवस्था ने यह सीख निश्चित ही पूर्व अनुभव से ली होगी महिला एवं बाल विकास विभाग का यह अधिकारी भाजपा शासनकाल में भी कुछ नेताओं का आंख का तारा था और जिन नेताओं की आंख का तारा होने का इन्हें इतना घमंड था कि अन्य नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की कद्र करना तो दूर अवहेलना करना प्रारंभ कर दिया सत्ता बदली अधिकारी को लगा कि जैसी भाजपा वैसा कांग्रेस एक नेता के भरोसे पूरा समय यही काट लूंगा वे यह नहीं समझ पाए कि कांग्रेस शासन में मुखिया सब को लेकर चलने में भरोसा रखता है गलत आंकलन अधिकारी को भारी पड़ा लिहाजा जंगल जाना पड़ा पर अधिकारी है कि अभी भी एक नेता के भरोसे अपना जहाज डूबने से बचाना चाहता है असल में अधिकारी के पीछे एक नेता नहीं इस विभाग के भरोसे लाखों करोड़ों कमाने वालों का पूरा कॉकस लगा है सब जानते हैं कि नेताओं को इस बात का गुमान है कि चुनाव जनता के वोट नहीं पूंजी जीत आती है इन्हें लगता है कि पूंजी होगी तो वोट मैनेज हो जाएंगे और जो पूंजी देता है वही यह तय कर आता है कि नेता किस अधिकारी के लिए अपने मुखिया से भी टकरा जाए।