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तेल के कारण एफएमसीजी में गर्मी 32 सामानों का दाम मारेगा उछाल

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। इंसान द्वारा तेल की पेराई हम सब ने देखी और सुनी है किंतु इन दिनों तेल इंसान को पेर रहा है और निकट भविष्य के साथ दूर तक इस पेराई का अंत नजर नहीं आता आज सबसे सस्ता सोया ब्रांड 175 रुपए प्रति 910 ग्राम जिसके कुछ ही दिनों में 190 हो जाने का पूरा भरोसा है सूत्रों की माने तो 910 ग्राम का 210 रुपए होना तय है। असल में हमारे देश में खाने की तेल की खपत 2.5 करोड़ टन है । जिसमें से घरेलू उत्पादन 1.11 करोड़ टन है हम अपनी जरूरत का 56% तेल आयात करते हैं आयात में पाम तेल 60%, सोयाबीन 25%, सूर्यमुखी 12%, एफएमसीजी में टूथपेस्ट, साबुन जैसे 32 आइटम बनाने में पाम तेल लगता है। 2012 में प्रति व्यक्ति तेल खपत 14.2 लीटर की और अभी यह बढ़कर 19.5 लीटर पर आ गई है। 2019-20 में हमने 1.34 करोड़ टन तेल आयात किया है और इसकी कीमत 61559 करोड़ पड़ी उत्तर भारत में अधिकतम सरसों 2 टन प्रति हेक्टेयर पैदा होती है इसका 40% से ज्यादा तेल नहीं निकाला जा सकता तब भी कुल 800 लिटर ही तेल प्राप्त होगा हम अपने आयात का 50% तेल इंडोनेशिया से बुलाते हैं हर माह 600000 टन ,1991-92 में पाम ऑयल पर हमारी निर्भरता 3% थी आज 60% है । हम कुछ भी कर ले हमें 70 से 80 लाख टन तेल बुलाना ही पड़ेगा 70 लाख टन की आपूर्ति आयात से करते हैं और 30% की आपूर्ति लोकल पाम ऑयल तार के तेल से बनता है और एक तार का पेड़ तैयार होने में 4 से 5 साल लगता है भारत सरकार में अंडमान निकोबार के समीप कुछ साल पहले कई करोड़ रुपए की लागत से तार का पेड़ व्यावसायिक तरीके से लगाने की योजना लगाई है यह काम बेहद धीमी गति से होने वाला है जब हमारा पाम आयल का आयात कम था उस वक्त आयात का बिल हमारे लिए चिंता का विषय नहीं बना किंतु अब यह बिल सरकार की पेशानी पर बल डाल रहा है दोनों तेल में केंद्रीय सरकार के होश उड़ा दिए हैं और आम नागरिकों की जेब फटी पड़ी है निकट भविष्य में खाद्य तेल पाम तेल के कारण केवल तेल नहीं साबुन, डिटर्जेंट, टूथपेस्ट, मेकअप की क्रीम बच्चों के चॉकलेट जैसी 32 चीजों का दाम तेजी से बढ़ेगा हम सहनशीलता के लिए सुबह-शाम अनुलोम विलोम करें और यादव दर्शन को फॉलो करें।