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उत्तरदायित्व के सिद्धांत को केंद्र ने रख दिया है ताक पर नहीं होगा बैंक घोटाले में कोई इस्तीफा

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। 22842 करोड़ का नहीं 24268 करोड़ वाले घोटाले की पहली शिकायत 8 नवंबर 2019 को हुई। सीबीआई ने 12 मार्च 2020 में स्पष्टीकरण मांगा, अगस्त में दोबारा शिकायत हुई और इस बार एफआईआर दर्ज की गई इस तरह देखा जा सकता है कि इतने बड़े घोटाले की शिकायत में भी इतना ज्यादा वक्त लग गया संसद में अनुराग ठाकुर ने एक प्रश्न के जवाब में बताया था कि अभी तक 40 से ज्यादा घोटालेबाज देश का 70 हजार करोड़ लेकर गायब हो चुके हैं। बड़े लोगों की बातें हैं तो सब कागज पर है और अब तो इतना बड़ा घोटाला एक ही दिन में अखबारों की हेडलाइन से दूर हो जाता है पूर्व कैद अधिकारी विनोद राय जब से आरबीआई मॉनिटरिंग कमेटी का अध्यक्ष बना है बैंकों के 10 लाख करोड़ से ज्यादा के घोटाले हो चुके हैं, ऐसा माना जा रहा है कि इन्हीं घोटालों को छुपाने के लिए बैंकों का मर्जर किया जा रहा है। एसबीआई ने सन 2018-19 में 2400 करोड़ रुपए प्लांटी से कमाया। 2019 में देश के बैंकों ने कुल 10 हजार करोड़ रुपए प्लांटी से वसूले हैं यह पैसा उस गरीब वर्ग से वसूला जाता है जो अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस भी नहीं रख पाता इसी साल मोदी सरकार ने अमीर उद्योगपतियों का 1 लाख करोड़ ऋण माफ कर दिया एक तरफ पैसा प्लांटी के रूप में गरीब आदमी से वसूला और अमीरों का कर्ज माफ कर दिया क्या इसे ही लोक कल्याणकारी शासन कहा जाता है। जिस गुजराती कंपनी ने 28 बैंकों का 23 हजार करोड रुपए लूटा है उसके लिए निश्चित रूप से मोदी कैबिनेट के अनुसार पंडित नेहरू ही जिम्मेदार निकलेगा। एबीजी शिपयार्ड कंपनी गुजरात की कंपनी है इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित है घोटाले का समय 2012 से 2017 है फ्रॉड दो कंपनियों ने मिलकर किया एबीजी शिपयार्ड और एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड। युद्ध तकनीक और इतिहास यह बताता है कि किसी भी देश पर कब्जा करने का रास्ता समुद्र और बंदरगाह से प्रारंभ होता है । बैंकिंग घोटाला उसी ओर इशारा करता है बंदरगाह निजी हाथों में है, बंदरगाह से रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली पटरी भी निजी हाथों में है बैंकों को पूरी तरह से लूट लिया गया है। गौतम और उसके चेले पूरी तरह से कुबेर हो चुके हैं। देश कारपोरेट गुलामी के नए दौर में प्रवेश कर रहा है नागरिक 5 किलो, 35 किलो के फेर में हैं युवाओं को नशे का आदी बनाने के लिए भी बंदरगाह ही काम आ रहे हैं। एसबीआई की प्रेस रिलीज से लगता है कि वर्ष 2013 से ही 23 बैंकों को पता चल गया था कि कंपनी डूब रही है अच्छा कारोबार नहीं कर रही है तो लोन का पुनर्गठन क्यों किया गया। एक तरफ बंदरगाह का काम करने वाली कंपनी डूब रही है दूसरी तरफ नदी किनारे बनारस में बंदरगाह बनाने की तैयारी चल रही है। 2007 में एबीजी शिपयार्ड को गुजरात में 121000 वर्ग मीटर जमीन दी गई तब मुख्यमंत्री कौन था। बैंकिंग फ्रॉड कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। 2020-21 में 229 बैंक फ्रॉड हो चुके हैं इनमें छोटे-मोटे ठगी करने वालों की तो गिनती ही नहीं है। आरबीआई के रिपोर्ट के अनुसार ही 21- 22 के दौरान 4071 मामले सामने आए उसके पहले 3499 फ्रॉड हुए थे अंकों के हिसाब से अप्रैल से सितंबर 2021 के बीच 36342 करोड का फ्रॉड हुआ और 20-21 में इसी समय अवधि में 64 करोड़ 261 का बैंक फ्रॉड हुआ। इतने घोटालों के बीच किसी का भी इस्तीफा नहीं होगा क्योंकि उत्तरदायित्व के सिद्धांत को इस सरकार ने तो ताक पर रख दिया है।