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फरवरी 2020 को भी पढ़ा था सौम्या के यहां छापा 150 करोड़ लेन देन का प्रेस नोट जारी हुआ था

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समाचार - बिलासपुर
बिलासपुर। 30 जून दिन गुरुवार सुबह 6:00 बजे ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के दर्जनों अधिकारी कर्मचारी छत्तीसगढ़ के विभिन्न मुख्य शहरों के कोयला कारोबार के संबंधियों के घर पर ऑफिस में छापा मार रहे थे दिनभर इन खबरों को नागरिकों ने खोज खोज कर पड़ा। किंतु 1 जुलाई को सुबह जब लोगों के हाथ में दैनिक अखबार की प्रतियां आई तब सब सन्न रह गए किसी अखबार में इन खबरों को प्राथमिकता नहीं मिली जिस नाम सुरेंद्र तिवारी को लोग खोज रहे थे वह भी नहीं मिला इसी तरह कांग्रेस के सत्ता में आने के तुरंत बाद सी एम ओ में तैनात उप सचिव महिला अधिकारी के आवास पर भी छापामारी हुई इनके घर पर एक बार और भी आई थी कि दबिश हो चुकी है तब भी और अब भी हिंदी पट्टी के अखबारों में अपने मुंह बंद कर लिए थे अब तो सत्ता चाहे किसी की हो मीडिया को घुटने टेकने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं सूझता। दर्जनों सीआरपीएफ के जवान इनकम टैक्स अधिकारियों के साथ छापामारी के स्थानों पर तैनात रहे स्थानीय अधिकारी इस पूरी जांच प्रक्रिया से दूर रखे गए हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 की यह पहली कार्यवाही है। छापे की कार्यवाही पूरी तरह गोपनीय रही आयकर विभाग की टीम भोपाल, इंदौर, जबलपुर होते हुए रायपुर पहुंची थी। 100 से अधिक सीआरपीएफ के जवान दिल्ली से बुलवाये गए हैं। रायपुर के सुरेंद्र तिवारी और राज्य प्रशासनिक सेवा के महिला अधिकारी के अतिरिक्त महासमुंद के 2 वकीलों के घर पर भी छापेमारी हुई है और यह टीम कोलकाता से आई बताई जाती है। कुल मिलाकर कोई भी अधिकारी घोषित तौर पर कुछ भी नहीं कह रहा है हमने अपने समाचारों में कई बार बिलासपुर स्थित उन 13 नामों का उल्लेख किया है जहां पर निकट भविष्य में केंद्रीय संस्थानों की छापेमारी हो सकती है इसमें जमीन व्यवसाई से लेकर रियल स्टेट , कोयला के अतिरिक्त कुछ स्थापित उद्योगपतियों का नाम भी है जहां पर लंबे समय से टैक्स चोरी की खबरें आ रही हैं। 2 वर्ष पूर्व जब इन्हीं के आवास पर छापा पड़ा था तो उस वक्त की प्रकाशित खबरों के अनुसार 150 करोड़ की बेनामी लेनदेन शराब और माइनिंग का पैसा होने की बातें सामने आई थी तब छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा था 5 दिन की कार्यवाही में कुछ नहीं मिला सिर्फ सरकार गिराने की साजिश है बदले में उस दिन सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय की केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था छापों में 5 दिनों के बाद 150 करोड़ रुपए के लेन-देन का मामला सामने आया है और यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है। तत्कालीन इनकम टैक्स कमिश्नर एवं मीडिया प्रभारी सुरभि आहलूवालिया है बाकायदा प्रेस नोट जारी किया था। जिसमें सार्वजनिक सेवाओं के लिए उसी के हस्तांतरण, नोटबंदी के दौरान भारी भरकम नगदी जमा सेल कंपनियों से आवास प्रविष्टियां, अघोषित निवेश के दस्तावेज जप्त हुए थे इलेक्ट्रॉनिक डाटा को भी जप्त किया गया था। सीबीडीटी ने उस समय 5 दिनों के भीतर 25 ठिकानो पर कार्यवाही की थी। कार्यवाही के साथ ही अधिकारियों ने सौम्या चौरसिया से पूछताछ भी की थी यह छापा 27 फरवरी को मारा गया था। तब छत्तीसगढ़ के सीएम ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर विरोध भी जताया था 3 पेज की इस चिट्ठी सुरक्षा बलों के इस्तेमाल को दुर्भाग्यपूर्ण असंवैधानिक बताया उस वक्त का ट्वीट 2 मार्च 2020 1:32 हम पाठकों को पढ़ने के लिए स्क्रीन शॉट के माध्यम से दे रहे हैं। उस वक्त की कार्यवाही 27 फरवरी को शुरू हुई थी 13 लोगों के 25 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी जिनमें रायपुर के मेयर इजाज ढेवर, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, आईएएस अनिल टुटेजा, अनिल सिंहवाणी, गुरुचरण सिंह होरा अनवर ढेवर, ए फरिश्ता, सीए संजय संचेती, कमलेश जैन के नाम प्रमुख हैं। कब 27 फरवरी की सुबह 7:30 बजे दिल्ली से चार्टर्ड प्लेन से आयकर विभाग के 105 जवान रायपुर पहुंचे थे और उनके साथ सीआरपीएफ के 200 जवान थे। छापामारी के 36 घंटे के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम एक्टिव हुए थे और पूरा मंत्रिमंडल राज भवन पहुंच गया था जहां पर ज्ञापन सौंपकर छापों पर विरोध जताया गया था। 28 फरवरी को सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित सूर्या रेसीडेंसी के बंगले का ताला खुलवाने की कोशिश की गई ना खुलने पर पूरी टीम रात भर वही डटी रही। तीसरे दिन भी बंगले का ताला नहीं खुला बंगले को बाहर से सील कर दिया गया। शनिवार को मुंबई से 50 अधिकारी अतिरिक्त बुलवाएं गए रायपुर इनकम टैक्स कमिश्नर ने 22 कंप्यूटर प्रिंटर फोटोकॉपी की मशीनें भी मंगाई तब छत्तीसगढ़ सीएम ने नई दिल्ली जाकर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी किंतु इस बार अभी तक सत्ताधारी नेताओं का मुंह अभी बंद है और छापेमारी पर कोई टीका टिप्पणी नहीं की जा रही है।